गोवा में बनी मिलावटी दवाइयां बंगाल में, डॉक्टर चिंतित

कोलकाता। दूसरे राज्यों की मिलावटी दवाइयां फिर बंगाल में आ रही हैं। इस बार ड्रग कंट्रोल बोर्ड की प्रयोगशाला में यूरीमैक्स-डी टैम्सुलोसिन हाइड्रोक्लोराइड ड्यूटैस्टराइड टैबलेट गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई।

कोलकाता। दूसरे राज्यों की मिलावटी दवाइयां फिर बंगाल में आ रही हैं। इस बार ड्रग कंट्रोल बोर्ड की प्रयोगशाला में यूरीमैक्स-डी टैम्सुलोसिन हाइड्रोक्लोराइड ड्यूटैस्टराइड टैबलेट गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई। मालूम हो कि इस दवा को बनाने वाली कंपनी की फैक्ट्री अरब सागर के किनारे गोवा में है। प्रोस्टेट रोगों के लिए यह यूरीमैक्स डी एक महत्वपूर्ण दवा है। प्रोस्टेट बढ़ने पर डॉक्टर अक्सर इस दवा को लिखते हैं। नकली दवा मिलने से डॉक्टर चिंतित हैं।

images (14)कोलकाता। दूसरे राज्यों की मिलावटी दवाइयां फिर बंगाल में आ रही हैं। इस बार ड्रग कंट्रोल बोर्ड की प्रयोगशाला में यूरीमैक्स-डी  टैम्सुलोसिन हाइड्रोक्लोराइड ड्यूटैस्टराइड टैबलेट गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गई। मालूम हो कि इस दवा को बनाने वाली कंपनी की फैक्ट्री अरब सागर के किनारे गोवा में है। प्रोस्टेट रोगों के लिए यह यूरीमैक्स डी एक महत्वपूर्ण दवा है। प्रोस्टेट बढ़ने पर डॉक्टर अक्सर इस दवा को लिखते हैं। नकली दवा मिलने से डॉक्टर चिंतित हैं।
इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ के चेयरमैन डॉ. जॉयदेव रॉय ने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उनकी निजी राय है, कि मुनाफे के लिए दवा कंपनियों को दवाओं की कीमत थोड़ी बढ़ा देनी चाहिए। लेकिन अतिरिक्त मुनाफे के लिए दवाओं में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करना गैरकानूनी है। पिछले कुछ महीनों में राज्य ड्रग कंट्रोल बोर्ड ने नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा है। डॉक्टर नई कंपनियों की दवाएं लिखने से डर रहे हैं। डॉ. जॉयदेव रॉय ने कहा कि कई बार मरीज के परिजनों को वह दवा नहीं मिल पाती जो उन्होंने डॉक्टर के पर्चे में लिखी होती है। उन्हें उसी कंपोजिशन की दूसरी दवा मिल जाती है। लेकिन वह कंपनी बिल्कुल नई होती है। खरीदार ऐसी कंपनियों से दवा खरीदने से डरते हैं। हम इस पर भी रोक लगा रहे हैं। हाल ही में क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई यूरीमैक्स-डी टैबलेट का बैच नंबर 4जीएस0097 है और एक्सपायरी डेट नवंबर 2025 है। राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड ने बताया कि इस दवा को एक नामी कंपनी बनाती है। उनकी फैक्ट्री गोवा में है। औषधि नियंत्रण निरीक्षक चंचल दत्ता ने इस दवा को जब्त कर लिया। पता चला है कि जब्ती के समय दवा की स्ट्रिप सही सलामत थी। बंगाल में राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांच होने पर औषधि नियंत्रण अधिकारियों की आंखें खुली की खुली रह गईं। एक खास बैच नंबर की इस दवा की गुणवत्ता जांच में पास न हो पाने के संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोटिस भेजा गया है। नोटिस राज्य के स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक, उप निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं और प्रत्येक जिले के औषधि नियंत्रकों को भेजा गया है। राज्य औषधि नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि बंगाल के हर खुदरा विक्रेता को सूचित किया जा रहा है कि अगर उनकी दुकान में इस खास बैच नंबर की दवा है तो उसे तुरंत वापस लेना होगा।

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