भगवान श्रीराम की धरा ओरछा

एक अद्वितीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल

भगवान श्रीराम की धरा ओरछा

भोपाल : प्रकृति की गोद में, इतिहास और भक्ति की दिव्यता से आलोकित - ओरछा एक ऐसा नगर है, जहां हर कोना आपको अध्यात्म, संस्कृति और गौरवशाली विरासत का सजीव अनुभव कराता है। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित यह नगर बुंदेलों की वीरगाथा, समृद्ध स्थापत्यकला और धार्मिक आस्था का उत्कृष्ट संगम है।

ऐतिहासिक धरोहर और धार्मिक भव्यता

बेतवा नदी के तट पर स्थित ओरछा का वैभवशाली अतीत इसकी भव्य इमारतों में जीवंत है - राजमहल, जहांगीर महल, छतरियां और अनेक ऐतिहासिक मंदिर इस नगर को स्थापत्य और इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग बना देते हैं।

राजा राम का अनूठा मंदिर

ओरछा की पहचान का सबसे विशेष प्रतीक है - राजा राम मंदिर। यह देश का एक मात्र मंदिर है जहां भगवान श्रीराम को "राजा" के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है और उन्हें राजकीय सम्मान, यहां तक कि पुलिस बल की सलामी भी दी जाती है। यह परंपरा ओरछा को एक विलक्षण और श्रद्धापूर्ण आध्यात्मिक स्वरूप प्रदान करती है।


देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु

प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं पर्यटक यहां दर्शन, पूजन और आध्यात्मिक शांति की तलाश में आते हैं। यहाँ का आध्यात्मिक वातावरण, शुद्ध वायुमंडल और प्राकृतिक सुंदरता आत्मा को सुकून प्रदान करते हैं।


स्वाद और संस्कृति का अद्वितीय संगम

ओरछा न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि यह पारंपरिक बुंदेली व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां का मसालेदार, देसी स्वाद हर स्वाद प्रेमी को मंत्रमुग्ध कर देता है। संस्कृति, स्वाद और श्रद्धा - ये तीनों तत्व ओरछा को एक पूर्ण अनुभव में पिरोते हैं।


सतत विकास की ओर...

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सुप्रयासों से ओरछा के धार्मिक स्थलों का योजनाबद्ध विकास किया जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति को संबल मिला है, बल्कि ओरछा एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है।

आइए, ओरछा की दिव्यता, भक्ति और भव्यता का अनुभव करें। यहां ईश्वर राजा हैं और श्रद्धा शासन करती है।

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