15 सितंबर मातृ नवमी, शुभ योग, और किन राशियों के लिए है भाग्यशाली ?

15 सितंबर मातृ नवमी, शुभ योग, और किन राशियों के लिए है भाग्यशाली ?

इस दिन मातृ नवमी है.15 सितंबर का शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, योग, राहुकाल, ग्रहों की स्थिति. जानें क्या करें, क्या न करें, सूर्य-चंद्र उदय कब होगा.

हिंदी पंचांग 15 सितंबर 2025

15 सितंबर 2025, सोमवार के दिन पितृ पक्ष की मातृ नवमी है। हिंदू धर्म में यह तिथि विशेष महत्व रखती है। इस दिन खासतौर पर उन माताओं, बहनों और बेटियों का श्राद्ध किया जाता है, जिनका निधन पति के जीवित रहते ही हो गया हो या जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं हो। इसे मातृ श्राद्ध के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है। आइए जानें इस दिन का पंचांग, शुभ-अशुभ समय, ग्रहों की स्थिति और राशियों पर प्रभाव।

तिथि व विवरण
  • तिथि – अष्टमी (15 सितंबर सुबह 3:06 से 16 सितंबर सुबह 1:31 तक)

  • वार – सोमवार

  • नक्षत्र – मृगशिरा

  • योग – व्याघात, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग

  • सूर्योदय – सुबह 6:05

  • सूर्यास्त – शाम 6:30

  • चंद्रोदय – दोपहर 12:22

  • चंद्रोत्स – 16 सितंबर को दोपहर 2:03

  • चंद्र राशि – मिथुन

चौघड़िया मुहूर्त
  • सुबह

    • अमृत: सुबह 6:06 – 7:38

    • शुभ: सुबह 9:11 – 10:44

  • शाम

    • चर: शाम 6:26 – 7:54

राहुकाल व अशुभ समय
  • राहुकाल: सुबह 7:38 – 9:11 (शुभ कार्य वर्जित)

  • यमगण्ड काल: सुबह 10:44 – दोपहर 12:16

  • आडल योग: सुबह 7:41 – अगले दिन सुबह 6:06 तक

  • गुलिक काल: दोपहर 1:49 – 3:31

ग्रहों की स्थिति (15 सितंबर 2025)
  • सूर्य – सिंह

  • चंद्रमा – मिथुन

  • मंगल – तुला

  • बुध – कर्क

  • गुरु – मिथुन

  • शुक्र – कर्क

  • शनि – मीन

  • राहु – कुंभ

  • केतु – सिंह

किन राशियों को लाभ
  • सिंह राशि – बिजनेस में वृद्धि होगी, कार्यक्षमता में निखार आएगा।

किन राशियों को सतर्क रहना चाहिए
  • वृश्चिक राशि – अनावश्यक विवाद से बचें, खानपान पर ध्यान दें, बदहजमी की समस्या हो सकती है। उधार लेने से भी बचें।

विशेष उपाय (मातृ नवमी श्राद्ध)

इस दिन श्राद्ध में केवल ब्राह्मण ही नहीं, बल्कि ब्राह्मणी को भी आमंत्रित करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे परिवार और वंश की उन्नति होती है। साथ ही करने वाले व्यक्ति के जीवन में मातृत्व, प्रेम और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

शुभ संयोग

15 सितंबर 2025 को व्याघात योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो दिन को और भी खास व फलदायी बनाता है।

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