तलाकशुदा पत्नी से बीएलओ ने निकाली खुन्नस
एसआईआर फार्म में कर दिया मृत घोषित
निज संवाददाता : मुर्शिदाबाद में एक बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) पर अपनी तलाकशुदा पत्नी का नाम मतदाता सूची से हटाने का आरोप लगा है। इस मामले में चुनाव आयोग ने बीएलओ के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। मुर्शिदाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर में शिकायत दर्ज कराते हुए पत्नी टुम्पा दास मंडल ने बताया कि जब वह अपना एसआईआर एन्यूमरेशन फॉर्म ऑनलाइन भर रही थीं, तो उन्हें पता चला कि उनका नाम डेड वोटर के तौर पर दर्ज है।
पत्नी टुम्पा दास मंडल ने जब इस मामले में पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि उनके पति प्रभाकर जो एक स्थानीय पारा-शिक्षक भी है, उन्होंने बीएलओ ऐप का इस्तेमाल करते हुए उनका नाम 'मृत' के तौर पर दर्ज कर दिया था। वहीं, अब प्रभाकर ने इस बात को एक अनजाने में हुई गलती बताया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि यह उनकी गलती हो सकती है, लेकिन उन्होंने कहा कि यह उन्होंने जानबूझकर नहीं किया है। टुम्पा दास मंडल और प्रभाकर की शादी 2013 में हुई थी और उनका छह साल का बेटा भी है। बेटा अभी अपने पिता के साथ रहता है। वहीं, शादी के बाद पत्नी टुम्पा सागरदिघी के पिलकी गांव में रहती थी। शादी के बाद जब उनके रिश्ते में खटास आ गई तो पत्नी डेढ़ साल पहले अपने माता-पिता के साथ कदमतला में रहने लगी।
पत्नी टुम्पा दास मंडल ने बताया कि उनका जन्म 1995 में हुआ था और स्वभाविक रूप से उनका नाम 2002 की एसआईआर सूची में नहीं था। उन्होंने कहा कि 2015 में शादी के दो साल बाद उन्होंने एक मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट भी डाला था। पत्नी टुम्पा दास मंडल ने आगे बताया कि पांच दिन पहले उन्हें यह देखकर सदमा लगा कि उनका नाम 'एक्सपायर्ड' के तौर पर चिह्नित था। उन्होंने बताया कि उन्हें एहसास हो गया कि उनके पति ने उनसे बदला लेने के लिए यह काम किया है।
पत्नी ने कहा कि उनके पति को पारा-टीचर होने के नाते बीएलओ नियुक्त किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि उन्होंने बीडीओ, चुनाव रिटर्निंग ऑफिसर, एसडीओ और डीएम सभी से इस बारे में शिकायत की है। सागरदिघी के बीडीओ शतंशु नाथ चक्रवर्ती ने बताया कि बीएलओ को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और महिला का नाम जनवरी 2026 तक मतदाता सूची में फिर से दर्ज कर दिया जाएगा।
