पीएम मोदी पर प्रियंका गांधी ने किया पलटवार
कहा-मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं
निज संवाददाता : उम्मीद के मुताबिक सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र का आगाज हंगामेदार रहा। ऐसा ही कुछ सोमवार को संसद सत्र के पहले दिन नजर आया। लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। हालांकि, शून्य काल के दौरान चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों को शांत कराने की कोशिश की। हंगामा नहीं थमा, आखिरकार लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे और फिर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। उधर, प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है। पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले कहा कि सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। इसी मुद्दे पर रिएक्ट करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि चुनाव की स्थिति, एसआईआर और प्रदूषण बहुत बड़े मुद्दे हैं। आइए उन पर चर्चा करें। संसद किस लिए है? यह ड्रामा नहीं है। मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है। ड्रामा का मतलब है कि चर्चा न होने देना। प्रियंका वाड्रा ने ये बातें पीएम मोदी के उस कमेंट पर दी जो उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले कही थी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए साफ कहा कि संसद परिसर में ड्रामा करने की बहुत जगहें बाहर हैं, लेकिन सदन में हंगामे की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन में ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, खासकर विपक्ष से अपील की कि वे सत्र को सुचारू और गरिमामय तरीके से चलाने में सहयोग दें। इसी के जवाब में वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि मुद्दों पर बोलना और उन्हें उठाना ड्रामा नहीं है।
कांग्रेस ने भी पीएम मोदी के बयान पर किया रिएक्ट
उधर, कांग्रेस ने भी पीएम मोदी पर पलटवार किया है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का संसद सत्र की शुरुआत से पहले बयान देना सिर्फ पाखंड है क्योंकि वह खुद सदन में मौजूद नहीं होते और विपक्ष से संवाद नहीं करते। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि संसद में किसी गतिरोध के लिए खुद प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद हताशा निकालने का मंच बना रहा है।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो वह राजनीति में सकारात्मकता लाने के कुछ सुझाव देने को तैयार हैं। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। इस पर पलटवार करते हुए जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया है।
प्रधानमंत्री कभी संसद में उपस्थित नहीं होते : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री कभी संसद में उपस्थित नहीं होते और इसे महत्व नहीं देते हैं। वह कभी विपक्ष से संवाद नहीं करते। फिर भी प्रत्येक सत्र से पहले वह संसद भवन के बाहर खड़े होकर लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से रचनात्मक सहयोग के लिए राष्ट्र के सामने भाषण देते हैं।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि अगर संसद सुचारु रूप से नहीं चलती है तो दोष पूरी तरह से प्रधानमंत्री का है क्योंकि उन्होंने विपक्ष को अत्यावश्यक लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वह विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिए बिना हमेशा अपने रास्ते पर चलना चाहते हैं।
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि संसद शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज’ ही ‘ड्रामे’ की बातें कर रहे हैं।
