चुनाव आयोग ने जारी किया बंगाल एसआईआर 2002 का डाटा
शुरू हुआ सियासी बवाल
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 2002 के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वोटिर लिस्ट जारी की है। इस मतदाता सूची में 11 जिलों के 109 विधानसभा क्षेत्रों के वोटर्स का डेटा है।
निज संवाददाता : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में 2002 के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की वोटिर लिस्ट जारी की है। इस मतदाता सूची में 11 जिलों के 109 विधानसभा क्षेत्रों के वोटर्स का डेटा है। बंगाल में आखिरी एसआईआर 2002 में हुआ था। अब 23 साल का पुराना यह डेटा एसआईआर 2002 की मतदाता सूची अपलोड की गई है। इसमें लिखा है कि बाकी एसी जल्द ही अपलोड किए जाएंगे।
राज्य के सीईओ के दफ्तर से इस पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि माना जा रहा है कि यह बंगाल में शुरू होने जा रहे एसआईआर का पहला कदम है। इससे कई हलकों में हलचल मच गई है।
बीते सोमवार को जो डेटा जारी हुआ है, उसमें कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, नदिया, हावड़ा, हुगली, मेदिनीपुर और बांकुड़ा जिले शामिल हैं। बंगाल में एसआईआर 2002 जब जारी हुआ था, उसके बाद पहला लोकसभा चुनाव 2004 में हुआ था। तब बंगाल में 4.7 करोड़ वोटर्स थे। जनवरी-फरवरी 2025 के एसआईआर में बंगाल में मतदाताओं की संख्या 7.6 करोड़ हो गई। बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह एक नॉर्मल कार्रवाई है। बाकी जिलों का भी चुनावी डेटा एक-दो दिनों में प्रकाशित कर दिया जाएगा। 2002 का एसआईआर डेटा ऐसे समय पर सामे आया है जब बंगाल के सभी जिलों में बूथ लेवल के अफसरों और उनके सुपरवाइजरों की स्टेट लेवल की ट्रेनिंग चल रही है।
बंगाल सीईओ के कार्यालय ने तीन असिस्टेंट रिटर्निंग अधिकारियों (एआरओ) से स्पष्टीकरण मांगा। ये एआरओ मोयना (पूर्वी मेदिनीपुर), बारुईपुर (दक्षिण 24 परगना) और राजारहाट (उत्तर 24 परगना) के हैं। इन पर वोटर लिस्ट में फर्जी वोटर्स को शामिल करने का आरोप है। चुनाव आयोग ने उन्हें सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स लेकर पेश होने को कहा है।
बंगाल में जिन तीन सीटों के एआईओ को बुलाया गया है, उनमें से मोयना सीट बीजेपी के पास है। इसके अलावा बारुईपुर और राजारहाट सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के विधायक है। बारुईपुर से विधायक बंगाल विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी हैं।
इधर बिहार एसआईआर के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी एक याचिका दायर की है। महुआ मोइत्रा ने कहा है कि बंगाल में भी अगस्त 2025 से एसआईआर शुरू हो सकता है। इसके लिए ईआरओ को निर्देश दिए जा चुके हैं। हालांकि, कोर्ट ने अभी तक बिहार एसआईआर को रोकने से इनकार कर दिया है।
टीएमसी का डर
तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि एसआईआर से उन वोटर्स का नाम काटा जा सकता है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट देने के योग्य थे। टीएमसी ने यह भी आरोप लगाया है कि एसआईआर नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 3 के समान है। यह धारा जन्म से नागरिकता से संबंधित है। टीएमसी इसे गृह मंत्रालय जैसा एनआरसी कदम मान रही है।