बंगाल के 2 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की अनुशंसा के अनुसार हो
सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
बंगाल के 2 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुशंसा के अनुसार की जाए।
निज संवाददाता : बंगाल के 2 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अनुशंसा के अनुसार की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के लिए सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी और कूचबिहार पंचानन बर्मा विश्वविद्यालय के लिए मुख्यमंत्री द्वारा चिन्हित वरीयता सूची में पहले नंबर की उम्मीदवार की नियुक्ति का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केवल दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। अस्थायी कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य और राज्यपाल के बीच कई दिनों से तनातनी चल रही थी। उस मामले का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। बाद में, जुलाई 2024 में, अदालत ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश ललित की अध्यक्षता में एक 'खोज-सह-चयन समिति' का गठन किया। निर्देश थे कि समिति कुलपतियों के नामों की एक सूची तैयार करेगी और उसे मुख्यमंत्री को भेजेगी। बाद में, राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सूची के आधार पर नियुक्तियां करने में समस्या आ रही है। कुलपति की 36 नियुक्तियों में से 15 पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच मतभेद थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सर्च कमेटी से रिपोर्ट तलब की थी। पूर्व मुख्य न्यायाधीश ललित की अध्यक्षता वाली 'सर्च-कम-सिलेक्शन कमेटी' ने पिछले हफ्ते यह रिपोर्ट सौंपी थी। शुक्रवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्या बागची की बेंच ने वीसी नियुक्ति मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली कमेटी दोनों पक्षों के भाषणों को महत्व देते हुए निष्पक्षता से वीसी के लिए वरीयता क्रम तैयार करेगी। जस्टिस ललित को जल्द से जल्द ऐसा करने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कूचबिहार स्थित रवींद्र भारती और पंचानन बर्मा विश्वविद्यालयों में ही वीसी की नियुक्ति संबंधी मुख्यमंत्री की सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी है। मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी।