पहाड़, झरने और मैगी का मजा सिर्फ 20 रुपए में

26 जुलाई से शुरू होगी हेरिटेज ट्रेन

पहाड़, झरने और मैगी का मजा सिर्फ 20 रुपए में

चार माह बाद एक बार फिर शुरू हो रही है प्रदेश की एकमात्र हेरिटेज ट्रेन। यह पातालपानी से कालाकुंड तक यात्रियों को प्राकृतिक सुंदरता, झरनों और पहाड़ियों के बीच से होकर ले जाएगी।

इंदौर । मध्य प्रदेश की एकमात्र हेरिटेज ट्रेन, जो यात्रियों को सुहानी वादियों और प्राकृतिक नजारों का अनुभव कराती है, उसका संचालन चार माह के अंतराल के बाद फिर से शुरू होने जा रहा है। यह ट्रेन 26 जुलाई से प्रत्येक शनिवार और रविवार को पातालपानी रेलवे स्टेशन से कालाकुंड तक चलेगी। पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल द्वारा इसके संचालन के लिए विभागीय आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि, पातालपानी रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को सड़क मार्ग से ही जाना होगा। ट्रेन की यह यात्रा महू तहसील के घने जंगलों, ऊंची-नीची पहाड़ियों, झरनों और पक्षियों की चहचहाहट के बीच से गुजरती है, जिससे यात्रियों को अद्भुत अनुभव मिलता है।

प्राकृतिक सौंदर्य और खानपान का मिलेगा लुत्फ
पातालपानी का झरना, भुट्टा, मैगी और गरमा-गरम भजिए के साथ इस यात्रा का स्वाद और आनंद कई गुना बढ़ जाएगा। यह पूरा सफर सुबह से शाम तक चलेगा, जिसमें पर्यटक हर पल प्राकृतिक नजारों का भरपूर आनंद उठा सकेंगे। मानसून की शुरुआत होते ही पर्यटक इस हेरिटेज ट्रेन के संचालन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। रेलवे ने हाल ही में एक ट्रायल रन भी किया है जो पूरी तरह सफल रहा। संचालन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और जल्द ही टिकट बुकिंग भी शुरू की जाएगी।

यात्रा का किराया और कोच की विशेषताएं
हेरिटेज ट्रेन के रैक में दो विस्टाडोम और तीन नॉन एसी चेयर कार कोच होंगे। विस्टाडोम कोच का एक ओर का किराया 265 रुपए होगा जबकि नॉन एसी चेयर कार का किराया मात्र 20 रुपए प्रति सवारी तय किया गया है। विस्टाडोम कोच में बड़े साइज की खिड़कियां, ट्रेलिंग विंडो, स्नैक्स टेबल और साइड पेंट्री जैसी सुविधाएं होंगी। दो विस्टाडोम कोचों में कुल 120 सीटें होंगी जबकि नॉन एसी चेयर कार के तीन कोचों में कुल 152 सीटें (64+64+24) उपलब्ध होंगी। कोचों में स्वच्छ टॉयलेट और आकर्षक पीवीसी शीट से सजे बाहरी भाग पर्यटकों के अनुभव को और बेहतर बनाएंगे।

2018 से लेकर अब तक का सफर
यह हेरिटेज ट्रेन पहली बार 25 दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी और कुछ ही महीनों में प्रदेश ही नहीं, देशभर में मशहूर हो गई थी। अप्रैल 2020 में कोरोना महामारी के चलते इसका संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद 4 अगस्त 2021 को कई बदलावों के साथ इसका पुनः संचालन शुरू किया गया था। हर वर्ष गर्मी का मौसम शुरू होते ही मार्च में इस ट्रेन का संचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है, और अब मानसून आते ही एक बार फिर यह पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता की सैर कराने के लिए तैयार है।

Tags:

About The Author

Advertisement

Latest News