स्वच्छता में भोपाल को मिला 7-स्टार 'कचरा मुक्त शहर' का दर्जा

भोपाल  : स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ने देशभर में मिसाल कायम की है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 में, भोपाल ने 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही शहर को 7-स्टार ‘गार्बेज फ्री सिटी’ (कचरा मुक्त शहर) का प्रतिष्ठित दर्जा भी मिला है, जो कि देश में सबसे उच्च स्वच्छता मान्यता में से एक है।
भोपाल नगर निगम की ओर से बताया गया कि घर-घर कचरा पृथक्करण, आधुनिक कचरा प्रबंधन प्रणाली, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और पर्यावरण-अनुकूल अधोसंरचना की वजह से यह उपलब्धि संभव हो पाई है।
भोपाल नगर निगम के आयुक्त केएस मालवीय ने कहा-“यह सम्मान केवल नगर निगम का नहीं, बल्कि पूरे भोपाल वासियों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। हम आने वाले वर्षों में और भी बेहतरी की दिशा में काम करना चाहते हैं।”
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित इस सर्वेक्षण में इस बार कुल 4,320 शहरों ने भाग लिया। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले श्रेणी में पहला स्थान इंदौर ने प्राप्त किया, और उसके बाद भोपाल दूसरे स्थान पर रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भोपाल की सफाई व्यवस्था में जो आमूलचूल परिवर्तन हुए हैं, यह परिणाम उसी का प्रमाण है।
शहर की एक नागरिक शर्मिला सिंह ने कहा-“हर सुबह कचरा संग्रहण, सड़कों की सफाई और प्लास्टिक प्रबंधन में प्रशासन की पहल ने हमारे रोजमर्रा के जीवन में सकारात्मक असर डाला है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मान्यता के साथ भोपाल अब ‘लेक सिटी’ से ‘क्लीन सिटी’ की दिशा में तेजी से अग्रसर हो रहा है। प्रशासन की ओर से अगले वर्ष पहला स्थान पाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

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