सीएम ममता की टिप्पणी पर शुभेंदु ने लिखा चुनाव आयोग को पत्र

-कहा-आयोग को स्वतःस्फूर्त कार्रवाई करने दीजिए

सीएम ममता की टिप्पणी पर शुभेंदु ने लिखा चुनाव आयोग को पत्र

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ को बार-बार यह संदेश दिया है ताकि वैध मतदाताओं के नाम न छूटें। पड़ोसी राज्य बिहार में एसआईआर में लगभग 64 लाख नाम छूटने के बाद, ममता ने बीरभूम में एक सभा से कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा-'अगर एक भी वैध मतदाता का नाम छूटा तो मैं ढोल बजाऊँगी।' उन्होंने बिना नाम लिए चुनाव आयोग पर हमला बोला और उसे भाजपा की एजेंसी बताया। वहीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी इस टिप्पणी को लेकर मुखर हो गए हैं।
भाजपा का दावा है कि ममता बनर्जी वास्तव में इस तरह से धमकी दे रही हैं। मुख्यमंत्री संवैधानिक संस्था को चुनौती दे रही हैं। शुभेंदु का आरोप है कि मुख्यमंत्री बूथ स्तर के अधिकारियों को डरा रही हैं। वे स्वतंत्र संगठनों को चुनौती दे रही हैं। यह लोकतंत्र पर हमला है। अगर अधिकारियों पर दबाव डाला जाएगा तो चुनाव कैसे होंगे। शुभेंदु ने सवाल उठाया। उन्होंने मांग की कि आयोग मुख्यमंत्री के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे।
शुभेंदु ने यह पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि कई जगहों पर बीडीओ और एसडीओ ने तृणमूल कार्यकर्ताओं को बीएलओ बना दिया है। शुभेंदु  ने यह भी संदेह जताया कि 26,000 बेरोजगारों में से भी कहीं उन्हें बीएलओ नियुक्त किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार की बैठक में यह भी सवाल उठाया कि 1,000 कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए क्यों भेजा गया। ममता बनर्जी ने सरकारी कर्मचारियों से सीधे तौर पर कहा- "अगर अब से कोई निर्देश आए तो हमें बताएं। हमें बताए बिना कोई फैसला न लें।" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी भाजपा के डर से काम कर रहे हैं।

Tags:

About The Author

Ajay Kumar Mohta Picture

करीबन तेरह वर्ष पहले हमने अपनी यात्रा शुरू की थी। पाक्षिक के रूप में गंभीर समाचार ने तब से लेकर अब तक एक लंबा रास्ता तय किया। इस दौरान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के परिवर्तन घटित हो चुके हैं जिनका हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई उतार-चढ़ाव आए हैं। सोशल व डिजिटल मीडिया के इस दौर में प्रिट में छपने वाले अखबारों व पत्रिकाओं पर संकट गहरा रहे हैं। बावजूद इसके हमारा मानना है कि प्रिंट मीडिया की अहमियत कम नहीं हुई है। और इसी विश्वास के साथ हमने अपनी निरंतरता जारी रखी है। अब हम फिर से नए कलेवर व मिजाज के साथ आपके सामने हाजिर हुए हैं।

Advertisement

Latest News