2 अगस्त से शुरू होगी "हमारा पाड़ा, हमारा समाधान" योजना
जनता की रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार की नई पहल
निज संवाददाता : पश्चिम बंगाल की आम जनता की रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार अब सीधे मोहल्लों में पहुंचेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धर्मतला में बीते 21 जुलाई को शहीद दिवस रैली के मंच से इस दिशा में संकेत दिया था। अब वह घोषणा वास्तविक रूप ले चुकी है। रैली के अगले ही दिन 22 जुलाई को नवान्न से मुख्यमंत्री ने "हमारा पाड़ा, हमारा समाधान" (आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान) नामक एक नई योजना की घोषणा की, जो 2 अगस्त से पूरे राज्य में शुरू होने जा रही है।
मुख्यमंत्री का दावा है कि इस तरह की मोहल्ला-केंद्रित समस्या समाधान योजना पूरे देश में पहली बार लागू हो रही है। उनके अनुसार, सीधे लोगों के पास जाकर खड़ा होने के लिए यह पहल प्रभावी साबित होगी। राज्य के कुल 80,000 बूथों को केंद्र बनाकर इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। हर तीन बूथ पर एक कैंप लगाया जाएगा। प्रत्येक कैंप संबंधित क्षेत्र में एक दिन के लिए संचालित होगा।
कैंप में सरकारी अधिकारी मौजूद रहेंगे, जो लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उन्हें दर्ज करेंगे। पारदर्शिता बनाए रखते हुए एक ऑनलाइन पोर्टल पर सभी समस्याओं का रिकॉर्ड रखा जाएगा और उसी के अनुसार समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हर बूथ के लिए 10 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है। कुल बजट 8,000 करोड़ रुपये से भी अधिक तय किया गया है।
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स गठित की जाएगी। जिला स्तर पर भी अलग-अलग टास्क फोर्स होंगी। कैंप दो महीने तक चलेंगे, केवल दुर्गा पूजा के समय 15 दिन की छुट्टी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को खुद सामने रख सकें, इसके लिए यह अवसर प्रदान किया जा रहा है। मोहल्ले की रोशनी, सड़क, पानी, नाली, स्वास्थ्य या अन्य नागरिक सेवाओं से जुड़ी शिकायतें सीधे प्रशासन तक पहुंच सकें—यही इस पहल का उद्देश्य है।