रूस के पास 2 एटमी पनडुब्बियां तैनात करेगा अमेरिका

रूस के पास 2 एटमी पनडुब्बियां तैनात करेगा अमेरिका

वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को रूस के नजदीक दो न्यूक्लियर पनडुब्बियां तैनात करने का आदेश दिए| साथ ही गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी| हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि पनडुब्बियां कहां तैनात की जाएंगी| ट्रम्प ने अपने इस कदम के पीछे रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की भड़काऊ बयानबाजी को जिम्मेदार बताया| साथ ही ट्रम्प ने मेदवेदेव के परमाणु हमले की धमकी पर कहा कि- अमेरिका रूस के परमाणु खतरों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है| दरअसल, मेदवेदेव ने एक्स पर कहा था- हम इजराइल या ईरान नहीं हैं| ट्रम्प की ओर से दिया गया हर नया अल्टीमेटम युद्ध की धमकी माना जाएगा| उन्होंने ट्रम्प को याद दिलाते हुए कहा था- रूस के पास सोवियत संघ के समय से परमाणु हमले डेड हैंड की क्षमता है| ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा- रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सिक्योरिटी काउंसिल के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव की भड़काऊ बयानबाजी की वजह से मैंने रूस के नजदीक दो न्यूक्लियर पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया है, ताकि भड़काऊ बयान सिर्फ बयानबाजी तक सीमित रहे|
शब्द बहुत कीमती होते हैं और कई बार अनजाने में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं| मुझे उम्मीद है कि यह ऐसा मामला नहीं होगा| ट्रम्प ने बताया डेड इकोनॉमी तो रूस ने डेड हैंड की याद दिलाई ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ लगाने के बाद भारत और रूस को डेड इकोनॉमी बताया था| उन्होंने कहा था- भारत और रूस अपनी अर्थव्यवस्था को साथ ले डूबें, मुझे क्या| इसके जवाब में रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति घबरा गए हैं| मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर लिखा था- ट्रम्प को डेड हैंड की खतरनाक ताकत याद रखनी चाहिए, भले ही यह अब मौजूद नहीं है| अगर रूस के पूर्व राष्ट्रपति के कुछ शब्दों से अमेरिका के शक्तिशाली राष्ट्रपति इतना घबरा जाते हैं तो रूस का रास्ता बिल्कुल सही है| हम अपने रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे|

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करीबन तेरह वर्ष पहले हमने अपनी यात्रा शुरू की थी। पाक्षिक के रूप में गंभीर समाचार ने तब से लेकर अब तक एक लंबा रास्ता तय किया। इस दौरान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई तरह के परिवर्तन घटित हो चुके हैं जिनका हमारे जीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई उतार-चढ़ाव आए हैं। सोशल व डिजिटल मीडिया के इस दौर में प्रिट में छपने वाले अखबारों व पत्रिकाओं पर संकट गहरा रहे हैं। बावजूद इसके हमारा मानना है कि प्रिंट मीडिया की अहमियत कम नहीं हुई है। और इसी विश्वास के साथ हमने अपनी निरंतरता जारी रखी है। अब हम फिर से नए कलेवर व मिजाज के साथ आपके सामने हाजिर हुए हैं।

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