रक्षाबंधन को लेकर राज्य सरकार की अनोखी पहल

विश्व बांग्ला थीम पर पर्यावरण के अनुकूल राखियां हो रही तैयार

रक्षाबंधन को लेकर राज्य सरकार की अनोखी पहल

रक्षाबंधन उत्सव के अवसर पर इस बार पश्चिम बंगाल सरकार ने एक अभिनव और पर्यावरण अनुकूल पहल की है। राज्य के खेल और युवा कल्याण विभाग की पहल पर इस वर्ष 6 लाख 30 हजार पर्यावरण के अनुकूल राखियाँ वितरित की जाएँगी।

निज संवाददाता : रक्षाबंधन उत्सव के अवसर पर इस बार पश्चिम बंगाल सरकार ने एक अभिनव और पर्यावरण अनुकूल पहल की है। राज्य के खेल और युवा कल्याण विभाग की पहल पर इस वर्ष 6 लाख 30 हजार पर्यावरण के अनुकूल राखियाँ वितरित की जाएँगी। "विश्व बांग्ला" थीम पर आधारित इन राखियों का निर्माण पूर्व बर्धमान जिले के कालना की ‘वीवर्स एंड आर्टिज़न वेलफेयर सोसाइटी’ द्वारा किया जा रहा है — जो राज्य का एकमात्र सरकारी मान्यता प्राप्त राखी क्लस्टर है। सूत्रों के अनुसार, इन राखियों को सूती कपड़े, जूट और अन्य प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया जा रहा है, जिनमें स्थानीय शिल्प और हस्तकला की सुंदर कारीगरी झलकती है। राज्य के वस्त्र मंत्री स्वपन देवनाथ ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस क्लस्टर को राखी निर्माण का ऑर्डर दिया गया है और पहले ही दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा सहित कई अन्य राज्यों में भी इन राखियों की माँग उत्पन्न हो चुकी है।
स्वपन देवनाथ की सक्रिय पहल पर बने इस क्लस्टर में वर्तमान में अनेक स्वयं सहायता समूह की महिलाएँ कार्यरत हैं। उनकी कौशल वृद्धि के लिए नियमित प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। राखी निर्माण के लिए उपकरण और अवसंरचना स्थापित करने हेतु राज्य सरकार ने 95 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है।
इस पहल के ज़रिए एक ओर जहाँ महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण के अनुकूल राखियों के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का संदेश भी दिया जा रहा है।

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