मध्य प्रदेश के अडवाल नाग मंदिर में लगता है नाग-नागिन मेला
दर्शन मात्र से पूरी होती है मन्नत
मध्य प्रदेश एक प्राचीन शहर है| यहां पर आज भी कई प्राचीन और पुरातत्व मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानी है|
बुरहानपुर : मध्य प्रदेश एक प्राचीन शहर है| यहां पर आज भी कई प्राचीन और पुरातत्व मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानी है| मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के उतावली नदी के तट पर उखड़ गांव में एक अडवाल नाग मंदिर मौजूद है| यह करीब 400 साल पुराना बताया जाता है| यहां की मान्यता है कि जो भी भक्त शादी-विवाह, बच्चे, व्यापार, मकान के लिए मन्नत मांगता है| उसकी मन्नत पूरी होती है| यहां पर भक्त जीवित नाग और चांदी के नाग सहित चांदी का छत्र चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं|
समिति के अनिल चौधरी ने बताया कि यह मंदिर करीब 400 साल पुराना है हमारी सातवीं पीढ़ी यहां पर सेवा कर रही है| यहां की मान्यता है कि जो भी भक्त शादी विवाह व्यापार बच्चों के लिए मन्नत मांगता है उसकी मन्नत 1 साल में ही पूरी हो जाती है| वह लोग दर्शन पूजन करने के साथ यहां पर जीवित नाग नागिन का जोड़ा छोड़ने के लिए पूछते हैं| यहां पर दूर-दूर से भक्त आते हैं मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात के कई भक्त मेले में शामिल होते हैं| जिले में दो नाग मंत्री है जो इस पूरी परंपरा का पालन करते चले आ रहे हैं उनके यहां पर भी कई पीढ़ियों से नाग मंदिर की उपाधि उन्हें मिली हुई है| नाग मंत्री आठ बार स्नान कर मंदिर पर दर्शन करते हैं| मंदिर जाने के लिए रास्ता कड़ा कठिन है लेकिन भक्तों की भक्ति देखने के लिए मिलती है| इस कीचड़ से ही होकर मंदिर तक पहुंचाते हैं और अपनी श्रद्धा आस्था का संदेश देते हैं|
यहां की मान्यता है कि यहां पर लोग नाग नागिन लेकर आते हैं और यहीं पर छोड़ते हैं| इसलिए यहां के लोग बताते हैं कि यहां पर नाग-नागिन का मेला लगता है, क्योंकि यही से यह लोग लेते हैं और यहीं पर छोड़ देते हैं| यह नाग नागिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं|
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