देश में पहली बार टीचरों की संख्या 1 करोड़ पार

देश में पहली बार टीचरों की संख्या 1 करोड़ पार

देश में पहली बार किसी शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है| हालांकि, देशभर में 1,04,125 स्कूल ऐसे हैं जिनमें केवल एक ही शिक्षक है|

नयीदिल्ली : देश में पहली बार किसी शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई है| हालांकि, देशभर में 1,04,125 स्कूल ऐसे हैं जिनमें केवल एक ही शिक्षक है| वहीं, 7,993 स्कूलों में एक भी नामांकन नहीं है, यानी वहां कोई नहीं पढ़ता| हालांकि, पिछले सत्र की तुलना में इन दोनों आंकड़ों में कमी आई है|यह आंकड़े यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडाइस) के शैक्षणिक सत्र 2024-25 की रिपोर्ट में सामने आए हैं| यूडाइस केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का डेटा बेस है, जिसका उद्देश्य सभी स्कूलों से शिक्षा से जुड़ी जानकारी एकत्रित करना है|
महिला शिक्षकों की संख्या तेजी से बढ़ी
ताजा रिपोर्ट बताती है कि 2023-24 के सत्र में कुल शिक्षक 98.83 लाख थे, जो अब 1 करोड़ 1 लाख 22 हजार 420 हो गए हैं| इनमें से 51% (51.47 लाख) शिक्षक सरकारी स्कूलों में हैं| एक दशक में महिला शिक्षकों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है| बीते दशक में महिला शिक्षकों की संख्या करीब 8% बढ़ने की बड़ी वजह इनकी भर्तियां हैं| 2014 से अब तक 51.36 लाख भर्तियों में से 61% महिला शिक्षकों की हुई हैं| मिडिल स्तर पर 10 साल पहले एक शिक्षक के पास 26 छात्र थे, जो घटकर 17 रह गए हैं| सेकंडरी स्तर पर यह 31 से घटकर 21 रह गया है| यानी छात्र व शिक्षकों के बीच संवाद बेहतर हो रहा है| शिक्षकों के पास जितने कम छात्र होंगे, वे उन्हें ज्यादा समय दे पाएंगे|
    ड्रॉपआउट रेट घटा है| सेकंडरी पर 2023-24 में यह 10.9% था, जो 2024-25 में 8.2% बचा है| मिडिल स्तर पर यह 5.2% की तुलना में 3.5% और प्राथमिक पर 3.7% से घटकर 2.3% रह गई है| प्राथमिक पर रिटेंशन रेट 2023-24 में 85.4% से बढ़कर अब 92.4 % हो गया है| मिडिल पर 78% से बढ़कर 82.8%, तो सेकंडरी पर यह 45.6% से बढ़कर 47.2% हो गया है| सेकंडरी स्तर पर नामांकन दर बढ़कर 68.5% हो गई है|

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