महाकाल मंदिर समेत 7 इंडस्ट्रियल पार्क को हरी झंडी
कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला
निज संवाददाता : मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक, राज्य कैबिनेट ने सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा में महाकाल मंदिर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मंदिर बनाने के लिए पहचानी गई ज़मीन के एडमिनिस्ट्रेटिव और लीगल ट्रांसफर के प्रस्ताव को नवान्न में हुई कैबिनेट मीटिंग में हरी झंडी मिल गई। सोमवार को मीटिंग के बाद वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि मंदिर के लिए माटीगाड़ा के उजानूर मौज़ा (जेएल 86) में 25.15 एकड़ और गौराचरण मौज़ा (जेएल 81) में 3.95 एकड़ ज़मीन पहचानी गई है। इसमें ज़मीन का एक और टुकड़ा जोड़ा जा रहा है। 'लक्ष्मी टाउनशिप एंड होल्डिंग्स लिमिटेड' को लीज़ पर दी गई सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी डेवलपमेंट अथॉरिटी (एसजेडीए) की 17.41 एकड़ ज़मीन वापस ली जा रही है। इन सभी ज़मीनों को मिलाकर उस पर महाकाल मंदिर और कल्चरल सेंटर बनाया जाएगा। चंद्रिमा ने कहा कि उस प्रस्ताव को मान लिया गया है। वहीं,एसजेडीए की खरीदी हुई ज़मीन डिपार्टमेंट के अंदर 'ट्रांसफर' की जाएगी। चंद्रिमा ने कहा कि पहले यह लैंड एंड लैंड रिफॉर्म्स डिपार्टमेंट के पास जाएगी। फिर यह टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास जाएगी। वहीं, इस दिन की मीटिंग में यह तय हुआ कि डाबग्राम मौज़ा में 10 एकड़ ज़मीन पर एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा। सरकार इसके कंस्ट्रक्शन के लिए मुफ़्त ज़मीन देगी। राज्य उत्तर बंगाल के इस इलाके को एशियन हाईवे '2' से जोड़कर टूरिज्म और ट्रेड में बड़ी संभावनाओं वाली जगह के तौर पर हाईलाइट करना चाहता है। इसके साथ ही, सरकार ने रोज़गार बढ़ाने के लिए डब्ल्यूबीआईडीटीसी के तहत पूरे राज्य में इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने का फ़ैसला किया है। सात नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे।
चंद्रिमा ने कहा-कूचबिहार और फालता में दो-दो इंडस्ट्रियल पार्क और कल्याणी, बिष्णुपुर और उलुबेड़िया में दो-दो इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे। ये ज़मीनें लैंड एंड लैंड रेवेन्यू डिपार्टमेंट देगा। प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित नॉर्थ बंगाल के दौरे और राहत बांटने के प्रोग्राम के बाद कोलकाता लौटने से पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि वह दार्जिलिंग के मल्ला में महाकाल मंदिर की तरह मैदान में एक नया महाकाल मंदिर बनाना चाहती हैं। उन्होंने इसके लिए सिलीगुड़ी के आसपास ज़मीन देखने को भी कहा। ममता ने कहा कि मंदिर में सबसे बड़ी शिव मूर्ति होगी। वह मंदिर इस बार धीरे-धीरे बनाया जाएगा।
