भारत का इकलौता शहर 21 बार बदला गया जिसका नाम,
जानें किन किन नामों से जाना गया
भारत में कई ऐसे शहर हैं जिनका इतिहास बहुत पुराना है। उन्हीं में से एक है उत्तर प्रदेश का कानपुर शहर, जिसके नाम को लेकर एक रोचक कहानी प्रचलित है। माना जाता है कि इस शहर का नाम 21 बार बदला जा चुका है, फिर भी इसकी पहचान और महत्व कभी कम नहीं हुआ। आइए जानते हैं क्या था कानपुर का मूल नाम और क्यों बार-बार इसके नाम को बदला गया।
क्या था कानपुर का मूल नाम?
कानपुर के मूल नाम की बात करें तो, इसका नाम कान्हपुर था। इस शहर की स्थापना हिंदू सिंह चंदेल नामक राजा ने की थी। इतिहासकार बताते हैं कि कान्हपुर का नाम श्रीकृष्ण के नाम पर रखा गया था। यह नाम समय के साथ कई बार बदला गया, लेकिन इसकी मूल पहचान हमेशा कृष्ण और चंदेल राजाओं से जुड़ी रही।
किन कारणों से बदले गए कानपुर के नाम?
कानपुर के नाम बदलने के पीछे कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारण रहे हैं। जैसे-जैसे इस शहर पर विभिन्न राजाओं, साम्राज्यों और शासकों का शासन आया, उन्होंने अपनी पहचान स्थापित करने के लिए शहर का नाम बदल दिया।
• पौराणिक काल: प्राचीन काल में इसे 'कान्हपुर' के नाम से जाना जाता था, जो एक धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र था।
• मध्यकाल: मुगलों के शासन में इसे 'खानपुर' के नाम से जाना जाने लगा। मुगलों ने इसे एक सैन्य छावनी और व्यापार केंद्र के रूप में विकसित किया, जिससे इसका नाम बदल दिया गया।
• ब्रिटिश शासन: ब्रिटिश काल के दौरान, उन्होंने इसे 'Cawnpore' के नाम से पुकारा, जो उनके उच्चारण के अनुसार था। यह नाम लंबे समय तक प्रचलित रहा और शहर का एक नया रूप दिया।
आखिरी बार कब बदला था कानपुर का नाम?
कानपुर के नाम बदलने की यह प्रक्रिया स्वतंत्रता के बाद भी जारी रही। अंतिम बार इसका नाम तब बदला गया जब भारत सरकार ने ब्रिटिश काल के 'Cawnpore' को बदलकर फिर से 'Kanpur' कर दिया, जो इसके मूल नाम के उच्चारण के करीब था। यह बदलाव भारत की स्वतंत्रता और अपनी सांस्कृतिक पहचान को वापस लाने के प्रयासों का हिस्सा था।
किन-किन नामों से जाना जाता था कानपुर?
कानपुर को अलग-अलग समय में विभिन्न नामों से जाना जाता था। अब सवाल है अतीत में इसे किन-किन नामों से जाता था। आपको बता दें कि कानपुर को पहले कान्हपुर, कन्हैयापुर, कर्णपुर, कॉनपोर, कॉनपावर, खानपुर, कान्हापुर, पटकापुर, करनपुर, सीमामऊ व कॉनपउर नाम से जाना जाता था। इसके अतिरिक्त, इसके और भी नाम थे, जिनकी स्पेलिंग में कुछ अक्षरों का अंतर था। ब्रिटिश अधिकारियों के इसके उच्चारण में परेशानी होती थी। ऐसे में उन्होंने इसका उच्चारण कॉनपोर किया। बाद में इसका नाम कानपुर हो गया। आज इसे भारत की लेदर सिटी के नाम से भी जाना जाता है। इन 21 नामों के पीछे की कहानी कानपुर के समृद्ध और विविध इतिहास को दर्शाती है। यह शहर हमेशा से एक सांस्कृतिक, व्यापारिक और राजनीतिक केंद्र रहा है, जिसने हर युग में अपनी पहचान को नए सिरे से गढ़ा है।