दुर्गा पूजा पर भी चढ़ा सियासत का रंग

पूजा पंडालों के जरिए वोटरों तक पहुंच बनाने की जुगत में टीएमसी-बीजेपी 

दुर्गा पूजा पर भी चढ़ा सियासत का रंग

निज संवाददाता : पश्चिम बंगाल में अगले साल यानी 2026 में विधानसभा चुनाव होना है। लिहाजा विधानसभा चुनावों के चलते इस बार दुर्गा पूजा पर सियासत का रंग पिछली बार से ज्यादा गाढा और चटख नजर आ रहा है। वजह है कि बीजेपी और टीएमसी दोनों ही दुर्गा पूजा पंडालों के जरिए बंगाल की जनता और वोटरों तक अपनी पहुंच बनाने में लगी है। जहां गृहमंत्री अमित शाह को पश्चिम बंगाल बीजेपी की तरफ से दुर्गा पूजा में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है तो वहीं टीएमसी भी पूजा पंडालों की थीम के जरिए सियासी फायदा उठाने में पीछे नहीं दिखना चाहती।

टीएमसी बीजेपी शासित राज्यों में बांग्लाभाषी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न का आरोप लगाकर उससे जुड़ी थीम पर पूजा पंडाल तैयार करा रही हैं। तो अब बीजेपी ने भी इसी दुर्गा पूजा के सहारे देशभर के उन्ही प्रवासी बंगाली लोगों तक पहुंच बनाने में जुटी है। पार्टी खास तौर पर ऐसे प्रवासी बंगालियों को साध रही है जो पश्चिम बंगाल के बाहर के राज्यों में काम करते हैं पर जिनके पास बंगाल में मतदान का अधिकार है।

साथ ही ऐसे प्रवासी बंगालियों के बीच में भी बीजेपी अपनी राज्य ईकाईयों के जरिए पहुंच बना रही है, जो भले बंगाल के वोटर ना हो पर उनके संपर्क, संबंध और रिश्ते बंगाल में है। पार्टी भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव के माध्यम से बंगाली मतदाताओं के बड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ने के प्रयास में जुटी है। बीजेपी ये संदेश देना चाहती है कि दुर्गा पूजा केवल बंगाल का नहीं बल्कि राष्ट्रीय त्योहार है।

यही वजह है कि दुर्गा पूजा के मौके पर बीजेपी महानगरों और अन्य राज्यों में रहने वाले बंगालियों को जोड़ने के लिए खास योजना बनाई है। मुंबई, दिल्ली, बंगलुरु जैसे शहरों के उन क्षेत्रों में जहां 25,000 से अधिक बंगाली समुदाय के लोग हैं, वहां बीजेपी पूजा पंडाल, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरूकता कार्यक्रम आदि के जरिए ना सिर्फ बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर पेश करेगी बल्कि विकसित बंगाल का विजन भी पेश किया जाएगा। इसके लिए इन शहरों के दुर्गा पूजा पंडालों, आयोजन समितियों की सूची तैयार की गई है।

बीजेपी की कोशिश है कि टीएमसी के मुकाबले बंगाल की जनता के सामने एक ऐसा राजनीतिक विकल्प पेश करना जो बंगाल की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और सम्मान की रक्षा करे। बीजेपी ने बंगाल के बाहर 100 से ज्यादा ऐसे जिलों की पहचान की है जहां प्रवासी बंगाली हिंदुओं की ठीक ठाक तादाद है। इन जिलों में बंगाली हिंदुओं के बीच में पार्टी की तरफ से आऊटरीच कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

बीजेपी की राज्य ईकाईयां अपने कार्यकर्ताओं, नेताओं, विधायकों और सासंदो के जरिए अपने अपने राज्य और क्षेत्र के बंगाली बहुल इलाकों में स्नेह मिलन, चाय पर चर्चा आदि कार्यक्रम का आयोजन करने को कहा है। साथ ही इलाकों के प्रबुद्ध और प्रभावशाली बंगाली समाज के लोगों के बीच में संवाद कार्यक्रम भी किए जाएंगे। पीएम मोदी ने भी पार्टी के सांसदों को स्थानीय त्योहारों में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए थे। बीजेपी ने ऐसी ही मुहिम बिहार के प्रवासी वोटरों को लेकर भी चलाई थी।

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