कौन था वह करीबी, जिसकी शादी में जाने के लिए ट्रेन के जनरल डिब्बे में बैठ गए पीएम मोदी, जानें पूरी कहानी
मोदी को सूरत से तुरंत अहमदाबाद निकलना था, लेकिन उनके पास आरक्षित टिकट नहीं थी. वे इसी वजह से जनरल डिब्बे में बैठकर अहमदाबाद पहुंचे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक करियर में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। वे लगातार तीन बार प्रधानमंत्री चुने गए हैं और इस दौरान उन्होंने सबसे लंबा कार्यकाल भी पूरा किया है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भी अधिक है। बुधवार 17 सितंबर 2025 को वे अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक सफलता के कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन उनके निजी जीवन का एक अनोखा किस्सा भी है जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। जब वे प्रधानमंत्री नहीं थे और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर थे, तब उन्होंने एक भाजपा कार्यकर्ता की शादी में शामिल होने के लिए सूरत जाना था। शादी समारोह के बाद उन्हें अहमदाबाद में एक अचानक बुलाई गई जरूरी बैठक में भाग लेना था, जिससे पहले से सूचना नहीं थी। इसलिए मोदी जी को तुरंत रवाना होना पड़ा और उन्होंने जनरल डिब्बे में बैठकर ट्रेन से अहमदाबाद का सफर पूरा किया।
इस जनरल डिब्बे की कहानी भाजपा गुजरात के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने एक्स प्लेटफॉर्म पर साझा की थी। उन्होंने बताया कि उस समय पीएम मोदी को ट्रेन में आरक्षित सीट नहीं मिल सकी थी। कच्छ एक्सप्रेस में सीट मिलना मुश्किल था, लेकिन मोदी ने बिना किसी झिझक के सुझाव दिया कि वे सामान्य टिकट लेकर सामान्य डिब्बे में सफर करेंगे। इसी तरह वे बिना किसी शान-शौकत के बैठकर सफलतापूर्वक समय पर अहमदाबाद पहुंचे और बैठक में भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के राजनीतिक रिकॉर्ड भी काफी प्रभावशाली हैं। वे साल 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और इस दौरान गुजरात के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया। कुल मिलाकर वे सात बार शपथ ले चुके हैं, जिनमें चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री और तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने अपने पद की शपथ ली है। उनकी यह सरलता और समर्पण उनके नेतृत्व और व्यक्तित्व की खास पहचान है