पुरी श्रीमंदिर की सांस्कृतिक एवं तकनीकी संयुक्त समिति की पहली बैठक संपन्न
निज संवाददाता : श्रीजगन्नाथ धाम की पवित्रता और वैभव को और बढ़ाने के उद्देश्य से पुरी श्रीमंदिर की सांस्कृतिक एवं तकनीकी संयुक्त समिति की पहली बैठक पिछले दिनों आयोजित की गई। बैठक में मंदिर के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहलुओं पर विशेष जोर दिया गया।
समिति ने कहा कि श्रीमंदिर परिसर में होने वाले प्रत्येक विकासात्मक कार्य भगवान जगन्नाथ के धाम की आध्यात्मिक गरिमा और इसकी वैश्विक महत्ता को प्रतिबिंबित करे, यह सुनिश्चित किया जाएगा। सभी आगामी परियोजनाएं मंदिर की स्वामित्व वाली भूमि पर ही विकसित की जाएंगी ताकि मंदिर की दिव्य छवि अक्षुण्ण बनी रहे।
बैठक में जगन्नाथ बल्लभ प्रमोद उद्यान के विकास, श्रीमार्ग के सौंदर्यीकरण और तीर्थयात्री केंद्रों के रखरखाव पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि चल रहे अधिकांश कार्य दिसंबर तक पूरे होने की संभावना है, जबकि श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना के शेष हिस्से को भी शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
गुंडिचा मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। योजना के अनुसार, कार्य इस वर्ष के अंत तक या अगले रथयात्रा के बाद पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, बैठक में रघुनंदन पुस्तकालय की स्थापना, सेवायत परिवारों के बच्चों के लिए श्रीमंदिर मॉडल गुरुकुल निर्माण और नाटमंदिर में वातानुकूलन (एसी) लगाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।
गजपति महाराज दिव्यसिंह देव ने बताया कि श्रीमंदिर विकास योजना के तहत मंदिर प्रबंधन समिति और राज्य सरकार ने कई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो जगन्नाथ धाम के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परिवेश को और सशक्त बनाएंगी।
श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने कहा-गुंडिचा मंदिर के पुनर्निर्माण पर विस्तार से चर्चा हुई है। हमने ओबीसीसी को अनुरोध किया है कि वे यह कार्य 2026 की रथयात्रा से पहले पूरा करें। बैठक में अन्य विकास परियोजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई।