कितने बंदूक लाइसेंस ले सकता है एक व्यक्ति? जानिए आम आदमी से लेकर प्रोफेशनल खिलाड़ियों तक के लिए क्या हैं नियम
भारत में आम नागरिक को हथियार रखने के लिए लाइसेंस जरूरी है. आर्म्स एक्ट के तहत नागरिक अधिकतम दो बंदूकें रख सकते हैं. निशानेबाज और प्रोफेशनल्स को प्रतियोगिता के लिए ज्यादा हथियार रखने की अनुमति है.
भारत में हथियार रखना केवल सुरक्षा या स्टेटस का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसके लिए कड़ाई से कानून का पालन करना जरूरी है। आम नागरिक को बंदूक रखने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। पहले आम नागरिक अधिकतम तीन बंदूकें रख सकता था, लेकिन आर्म्स बिल 2019 के बदलाव के बाद यह संख्या घटाकर दो कर दी गई है। जिनके पास पहले से तीन हथियार हैं, उन्हें अतिरिक्त हथियार पुलिस के पास जमा करने होंगे। अतिरिक्त हथियार के लिए नए लाइसेंस की अलग प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।
निशानेबाजों और पेशेवरों के नियम
राष्ट्रीय और राज्य स्तर के निशानेबाजों को प्रतियोगिता और परीक्षण के उद्देश्यों के लिए अधिक हथियार रखने की अनुमति होती है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की सिफारिश पर उन्हें अधिकतम दस हथियार रखने की छूट मिलती है। अवार्ड विजेता निशानेबाजों के लिए हथियारों की कोई सीमा नहीं होती। प्रत्येक हथियार के लिए NRAI से सिफारिश पत्र लेकर लाइसेंसिंग विभाग में आवेदन करना अनिवार्य होता है।
गोलियों का कोटा
आम लाइसेंस धारक एक बार में 100 गोलियां तथा सालाना अधिकतम 200 गोलियां खरीद सकते हैं। निशानेबाजों के लिए प्रतियोगिता की आवश्यकता के अनुसार यह कोटा बढ़ाया जाता है। राष्ट्रीय स्तर के क्वालीफायर निशानेबाजों को प्रति वर्ष 1,00,000 गोलियों का कोटा मिलता है, जबकि राज्य स्तरीय प्रतियोगियों के लिए यह 50,000 गोलियां होती हैं।
नियमों का उल्लंघन और सजा
हथियार या गोलियों का गलत इस्तेमाल, जैसे दूसरों को डराने के लिए उपयोग, लाइसेंस रद्द करने का कारण बन सकता है। चुनाव या विशेष अवसरों पर प्रशासन के आदेश पर हथियार थाने या पुलिस लाइन में जमा करवाने पड़ते हैं। वर्तमान में हथियार लाइसेंस की अवधि पांच वर्ष होती है। साथ ही, किसी व्यक्ति को केवल एक लाइसेंस रखना होता है। यदि किसी के पास दो या उससे अधिक हथियार होते हैं और उनके लिए उपयुक्त लाइसेंस नहीं होता, तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है।