काफी प्रेरक रही ‘नव विधान–न्याय की नई पहचान’ विषयक प्रदर्शनी

काफी प्रेरक रही ‘नव विधान–न्याय की नई पहचान’ विषयक प्रदर्शनी

निज संवाददाता : नवीन आपराधिक कानूनों की जन जागरूकता को सरल और सजीव रूप में आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित ‘नव विधान–न्याय की नई पहचान’ प्रदर्शनी का दूसरा दिन मंगलवार को मीडिया और जनसंपर्क से संवाद के साथ उत्साहपूर्ण रहा।

राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक एवं अतिरिक्त महानिदेशक एस. सेंगाथिर ने सीतापुरा स्थित जेईसीसी परिसर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) और पुलिस मुख्यालय की प्रचार शाखा द्वारा आयोजित ‘एक्सपोजर विजिट’ के इंटरैक्टिव सत्र में कहा कि-नवीन आपराधिक कानूनों का मुख्य उद्देश्य आमजन को त्वरित न्याय दिलाना और पुलिस प्रकरणों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। ‘जीरो एफआईआर’ जैसे नए प्रावधान आम नागरिकों के लिए राहत और भरोसे का माध्यम बन रहे हैं।

सत्र में आईजी (विजिलेंस) प्रफुल्ल कुमार सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने नए क्रिमिनल लॉज़ के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। मौके पर आईजी अजयपाल लांबा, डीआईजी विकास शर्मा, आनंद शर्मा, अमित शर्मा, ज्येष्ठा मैत्रेयी सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

इस ‘एक्सपोजर विजिट’ में राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ संवाददाता, फोटोग्राफर और वीडियो जर्नलिस्ट्स ने भाग लिया।

दस लाइव मॉडल्स के ज़रिए नई कानूनी व्यवस्था का प्रदर्शन

प्रदर्शनी में आमजन और विद्यार्थियों को नए आपराधिक कानूनों की प्रक्रिया तीन चरणों में सजे दस लाइव मॉडल्स के माध्यम से दिखाई जा रही है। पहले चरण में पुलिस कंट्रोल रूम, सीन ऑफ क्राइम और थाने की कार्यप्रणाली को दर्शाया गया है।

दूसरे चरण में ‘वैज्ञानिक और कानूनी सत्यापन’ थीम पर अस्पताल मॉडल के जरिए फोरेंसिक जांच, मेडिकल एविडेंस और कानूनी पोस्टमार्टम प्रक्रिया को दिखाया गया है।

तीसरे चरण में ‘न्याय और सुधार’ की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए अदालत की कार्यवाही, समयबद्ध ट्रायल, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और कारागार सुधारों को प्रदर्शित किया गया है।

प्रदर्शनी में ई–एफआईआर, सामुदायिक सेवा, और भगोड़े अपराधियों के ट्रायल जैसे नए प्रावधानों को सरल भाषा और दृश्य माध्यमों से समझाया जा रहा है।

डीआईपीआर की टीम ने भी किया अवलोकन

प्रदर्शनी के दूसरे दिन डीआईपीआर के वरिष्ठ अधिकारियों और सोशल मीडिया शाखा की टीम ने भी भ्रमण किया।

दल में अतिरिक्त निदेशक (जनसम्पर्क) डॉ. कमलेश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक नर्मदा इंदौरिया, संयुक्त निदेशक मनमोहन हर्ष और उप निदेशक अजय कुमार सहित कई अधिकारी, इंटर्न्स और कार्मिक शामिल रहे।

उन्होंने नवीन आपराधिक कानूनों की जनजागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के प्रभावी माध्यमों पर चर्चा की। दल में सहायक निदेशक दयाशंकर शर्मा, कविता जोशी, प्रियंका अग्रवाल, आशीष जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जनभागीदारी और जागरूकता का केंद्र बनी प्रदर्शनी

‘नव विधान–न्याय की नई पहचान’ प्रदर्शनी के लाइव सेशंस में बड़ी संख्या में कॉलेज और लॉ स्टूडेंट्स, कानूनविद्, फोरेंसिक विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी, और आम नागरिक शामिल हुए। सभी ने नए कानूनों की पारदर्शी, तकनीकी और सुधारपरक सोच की सराहना की।

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