श्रमश्री पोर्टल को लॉन्च होने में अभी समय लगेगा
-फिलहाल ऑफलाइन ही किया जाएगा समावेशन
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे राज्यों, खासकर भाजपा शासित राज्यों से पीड़ित होने के बाद बंगाल लौटे प्रवासी कामगारों के लिए 'श्रमश्री परियोजना' की घोषणा की है।
निज संवाददाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे राज्यो, खासकर भाजपा शासित राज्यों से पीड़ित होने के बाद बंगाल लौटे प्रवासी कामगारों के लिए 'श्रमश्री परियोजना' की घोषणा की है। राज्य के श्रम विभाग ने गुरुवार से उस परियोजना को लागू करने की पहल शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुछ दिन पहले इस परियोजना की घोषणा की थी। हालांकि श्रमश्री को मूल रूप से एक विशेष पोर्टल के माध्यम से लॉन्च किया जाना था, लेकिन उस पोर्टल को चालू होने में एक-दो दिन और लगेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग आज से जमीन पर काम शुरू कर रहा है। श्रम मंत्री मलय घटक ने कहा कि फिलहाल, इस परियोजना में राज्य में पहले से लौट चुके प्रवासी कामगारों को ऑफलाइन शामिल करने का काम शुरू होगा। इसके लिए विभाग प्रत्येक जिले में शिविर लगाएगा और प्रारंभिक पंजीकरण प्रक्रिया का संचालन करेगा। पहले चरण में मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर दिनाजपुर में यह काम शुरू हो रहा है। क्योंकि इन्हीं जिलों में सबसे ज्यादा मजदूर हाल ही में पीड़ित होकर घर लौटे हैं। श्रम विभाग से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि उनकी प्राथमिकता मुख्यमंत्री के आदेशों को जल्दी लागू करना है। इसीलिए पोर्टल लॉन्च होने से पहले ही मैन्युअली काम शुरू किया जा रहा है। बाद में, जब ऑनलाइन सिस्टम लॉन्च हो जाएगा, तो सारी जानकारी एकत्र की जाएगी और श्रमश्री परियोजना के तहत लाया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बंगाल लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के लिए 5,000 रुपये मासिक पुनर्वास भत्ता देने की घोषणा की है। यात्रा सहायता के साथ-साथ एकमुश्त अनुदान, जॉब कार्ड, भोजन साथी और स्वास्थ्य साथी सेवाएं, यदि आवश्यक हो तो आवास और बच्चों के लिए शिक्षा के अवसर, सब कुछ श्रमश्री परियोजना के तहत होगा। राज्य सरकार के अनुसार, वर्तमान में लगभग 22 लाख 40 हजार श्रमिक बाहर काम करते हैं। यह सुविधा उन सभी पर लागू होगी। विभाग ने बताया है कि लगभग 10 हजार श्रमिक जो पहले ही लौट चुके हैं, उन्हें परियोजना में जल्दी शामिल किया जाएगा। इसलिए, श्रम विभाग आज से जमीन पर काम शुरू कर रहा है। श्रमश्री परियोजना के कार्यान्वयन में यह पहला कदम है।