गिरिडीह के निजी अस्पतालों में खून बना मुनाफे का सौदा ,हजाराें में हो रही अवैध बिक्री
गिरिडीह सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से खून के काले कारोबार का खुलासा हुआ है
बेंगाबाद निवासी मंटू यादव की मां को AB निगेटिव ब्लड की जरूरत थी, जिसके लिए निजी अस्पताल में भारी रकम मांगी गई.
झारखंड के गिरिडीह जिले में ब्लड के काले कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। मामला गिरिडीह सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से जुड़ा है। जानकारी मिली है कि मंटू यादव की मां, जो बोडो के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है और उन्हें एबी निगेटिव ब्लड की सख्त जरूरत है।
मंटू यादव ब्लड लेने ब्लड बैंक पहुंचे, जहां उन्हें ब्लड उपलब्ध नहीं होने की बात कही गई। इसके बाद एक बिचौलिए ने उन्हें एक मोबाइल नंबर दिया, जिस पर कॉल करने पर एक यूनिट ब्लड के लिए ₹10,000 की मांग की गई।
बिचौलिये ने बताया कि ₹30,000 में ब्लड आसानी से मिल जाएगा। मजबूरी में मंटू यादव ने ₹10,000 देकर एक यूनिट ब्लड खरीद लिया। उन्होंने इसका ऑनलाइन भुगतान ₹9,000 किया और ₹1,000 नकद दिया।
मंटू यादव के अनुसार सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्ध नहीं था। वहीं, बिचौलिये से संपर्क करने पर महंगा बाजार सामान मिलने का प्रस्ताव मिला।
सिविल सर्जन की लिखित शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
इस मामले को लेकर गिरिडीह सिविल सर्जन ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि खून का काला कारोबार गिरिडीह में चल रहा है और इस मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। उचित कार्रवाई की जाएगी।
गिरिडीह में इस गंभीर काले धंधे की जांच जारी है, और प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया