बहुमूल्य है भारत और अमेरिका की पार्टनरशिप
जरूरत पड़ सकती है सैन्य सहयोग की
हर साल अमेरिकी सेना के साथ इंडियन आर्मी मिलिट्री एक्सरसाइज करती है. पिछले साल यह युद्धाभ्यास राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज (बीकानेर) में आयोजित किया गया था.
टैरिफ युद्ध के बीच भारत और अमेरिका के बीच तनाव के बावजूद, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सामरिक सहयोग और साझेदारी जारी है। इसी श्रृंखला में, अलास्का के फोर्ट वेनराइट मिलिट्री बेस में 1 से 14 सितंबर 2025 तक भारत और अमेरिका की सेनाओं के वार्षिक युद्ध अभ्यास 'युद्ध अभ्यास 2025' का आयोजन हो रहा है।
इस अभ्यास के पहले दिन, दोनों देशों के कॉन्टिन्जंट कमांडर ने संबोधन देते हुए भविष्य की चुनौतियों के लिए सीमा पार आपसी सहयोग और सैन्य तैयारियों पर जोर दिया। यूएस आर्मी की 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की तीन बटालियन के करीब 750 सैनिक तथा भारतीय सेना की मद्रास रेजीमेंट के लगभग 450 सैनिक इस युद्ध अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। यह वार्षिक मिलिट्री एक्सरसाइज दोनों देशों के बीच सैन्य साझेदारी का 18वां संस्करण है।
भारतीय दल के कमांडर ब्रिगेडियर राजीव सहारा ने बताया कि ये अभ्यास बेहतर तालमेल, सामरिक प्रक्रियाओं की परिष्कृत समझ और सैन्य अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए आदर्श अवसर प्रदान करता है। यह युद्ध अभ्यास एक वर्ष भारत और एक वर्ष अमेरिका में आयोजित होता है, और पिछले वर्ष राजस्थान में हुआ था।
अलास्का की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति एवं ठंडी जलवायु भारतीय सैनिकों को आधुनिक आर्कटिक अभियानों की प्रशिक्षण अवसर प्रदान करती है। यूएस आर्मी की इंडो-पैसिफिक कमांड की रणनीति के अंतर्गत यह अभ्यास व्यापक स्तर पर हाइब्रिड खतरों से मुकाबले के साथ-साथ मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए भी सैनिकों को तैयार करता है।
इस वर्ष के अभ्यास में आर्टिलरी लाइव फायर, एकेडमिक ट्रेनिंग, संयुक्त सामरिक ऑपरेशन और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। यह संयुक्त अभ्यास पांच अमेरिकी सेना के प्राथमिक लक्ष्यों – अभियान, परिवर्तन, मारक क्षमता, साझेदारी और लोगों – के अनुरूप है, और भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी को मजबूत करता है।
यह अभ्यास न केवल पारंपरिक युद्धकला में दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि दोनों देशों के बीच सामरिक सहयोग एवं इंटरऑपरेबिलिटी को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।