ओबीसी का गतिरोध दूर होते ही घोषित कर दिए गए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे
डॉन बॉस्को, पार्क सर्कस के अनिरुद्ध चक्रवर्ती टाप पर
निज संवाददाता : ओबीसी का गतिरोध खत्म होते ही पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (डब्ल्यूबीजेईई) के नतीजे घोषित कर दिए गए। परीक्षा के 117 दिन बाद मेरिट लिस्ट जारी की गई। डॉन बॉस्को, पार्क सर्कस के अनिरुद्ध चक्रवर्ती शीर्ष पर हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संयुक्त परीक्षा पास करने वालों को बधाई दी। शुक्रवार को अदालत के आदेश के बाद नतीजे समय से पहले घोषित किए गए। मेरिट सूची में शीर्ष दस में शामिल छात्र हैं:
प्रथम : अनिरुद्ध चक्रवर्ती (डॉन बॉस्को, पार्क सर्कस)
द्वितीय : सम्याज्योति विश्वास (कल्याणी मॉडल हाई स्कूल)
तृतीय : दिशांत बसु (दिल्ली पब्लिक स्कूल, रूबी पार्क)
चौथा : अरित्रा रॉय (दिल्ली पब्लिक स्कूल, रूबी पार्क)
पांचवां : त्रिशनजीत दोलुई (पूर्व इंटरनेशनल स्कूल, दुर्गापुर)
छठा : साग्निक पात्रा (मेदिनीपुर कॉलेजिएट स्कूल)
सातवां : संबित मुखर्जी (बर्दवान मॉडल स्कूल)
आठवां : अर्चिश्मन नंदी (डीएवी मॉडल स्कूल, खड़गपुर)
नौवां : प्रतीक धानुका (दिल्ली पब्लिक स्कूल, राजारहाट)
दसवां : अर्क बनर्जी (बर्दवान म्युनिसिपल हाई स्कूल)
मालूम हो कि कानूनी जटिलताओं के कारण परिणाम जारी होने में कुछ देरी हुई है। इसका ज़िक्र करते हुए, मुख्यमंत्री ने एक्स हैंडल पर संयुक्त रूप से उत्तीर्ण होने वालों को बधाई दी। उन्हें उम्मीद है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा पास करने वाले सभी विपरीत परिस्थितियों को पार करके बंगाल का नाम रोशन करेंगे।
गौरतलब है कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे बीते 7 अगस्त को घोषित होने थे। लेकिन मामले में ओबीसी का पेंच फंसने के कारण नतीजे जारी नहीं हो सके। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 के बाद राज्य में सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने का आदेश दिया था। नतीजतन, प्रवेश प्रक्रिया में जटिलताएं पैदा हुईं। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2024 की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में ओबीसी उम्मीदवारों के साथ एक नया पैनल बनाने को कहा। 2010 से पहले 66 ओबीसी समुदायों की सूची के आधार पर एक नई मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया गया। 2010 के बाद ओबीसी प्रमाणपत्र हासिल करने वालों को काउंसलिंग में मौका नहीं मिलेगा। यह भी बताया गया। नतीजतन, जटिलताएं पैदा हुईं। सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ कलकत्ता उच्च न्यायालय में भी एक जनहित याचिका दायर की गई। संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की पीठ में भी एक आवेदन दायर किया गया।
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति कौशिक चंद्र की पीठ में मामले की सुनवाई हुई। जब तक जटिलताओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे घोषित नहीं किए जा सकते। वह आदेश दिया गया। नतीजतन, राज्य में मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षा देने वाले लाखों छात्र परेशान थे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने की। शुक्रवार को वहां एक अंतरिम आदेश जारी किया गया। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश पर आज अंतरिम रोक लगा दी गई। और फिर संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे तय समय से लगभग 30 मिनट पहले घोषित कर दिए गए।
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