आरएसएस ने शुरू की बंगाल में अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी

चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए ममता बनर्जी के लिए बढ़ सकती हैं मुश्किलें

आरएसएस ने शुरू की बंगाल में अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी

निज संवाददाता : बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि बिहार के बाद बंगाल पर पार्टी फोकस करेगी। इसके तहत शाह अपने कार्यक्रमों में तृणमूल सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील कर रहे हैं। दूसरी तरफ,  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  (आरएसएस) राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूलल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के किला बने बंगाल में अपनी ताकत बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। इससे चौथी बार सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संघ ने बंगाल में एक नई शाखाएं खोलने का लक्ष्य रखा है। संघ की योजना है कि विधानसभा चुनावों से पहले इन शाखाओं को शुरू किया जाए।
अगर ऐसा हुआ तो निश्चित तौर पर बीजेपी को विधानसभा चुनावों में एक मजबूत सपोर्ट मिल पाएगा। पश्चिम बंगाल में बीजेपी अभी विपक्ष में है। शुभेंदु अधिकारी नेता विपक्ष हैं। संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि संघ का यह शताब्दी वर्ष है। ऐसे में हर राज्य में शाखाओं का विस्तार तय किया गया है। इनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं। इसके तहत संघ राज्य में अपनी एक हजार नई शाखाओं को क्रियान्वित करने का कार्य करेगा। गौरतलब है कि संघ ने 100वें वर्ष के मौके विजयादशमी उत्सव के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चीफ गेस्ट बनाया है। यह कार्यक्रम दो अक्टूबर को नागपुर में होगा।
आरएसएस और उसके 32 सहयोगी संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी अगले महीने राजस्थान के  जोधपुर  जिले में तीन दिवसीय वार्षिक समन्वय बैठक के लिए एकत्रित होंगे, जिसमें संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों सहित कई समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। तीन दिवसीय बैठक 5 सितंबर से शुरू होगी। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसबाले, सभी 6 संयुक्त महासचिव और अन्य प्रमुख पदाधिकारी बैठक में भाग लेंगे।
संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में अपनी शाखाओं की संख्या को एक लाख तक ले जाने का निर्णय किया है। यह ऐलान ऐसे वक्त पर हुआ है जब संघ प्रमुख  मोहन भागवत  खुद तीन दिन के विशेष कार्यक्रम के दिल्ली में रहेंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यानमाला का विषय ‘100 वर्ष की संघ यात्रा-नए क्षितिज’ को रखा गया है। यह कार्यक्रम दिल्ली में 26-27-28 अगस्त, को विज्ञान भवन में शाम 5:30 बजे होगा।
ऐसे में ममता बनर्जी और उनकी पार्टी के लिए अगले साल का विधानसभा चुनाव एक कठिन लड़ाई हो सकती है। आरएसएस के साथ-साथ भाजपा भी राज्य में अपनी पैठ और मजबूत करने के लिए एड़ी-चोटी का पसीना बहाने की तौयारी में है। सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह के अलावा भाजपा के कई बड़े नेता राज्य में लगातार जनसभाओं में शिरकत कर सकते हैं।

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