मतदाता सूची पुनरीक्षण की मांग पर बोलीं ममता

हमारी नागरिकता छीनना चाहती है एनडीए सरकार

मतदाता सूची पुनरीक्षण की मांग पर बोलीं ममता

भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मांग कर रही है।

निज संवाददाता : भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की मांग कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि डंबल इंजन सरकार राज्य के लोगों की नागरिकता छीनना चाहती है। झाड़ग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं सोच रही हूं, क्या हम वाकई आजाद हैं?  मुझे डर है कि कहीं हमारी नागरिकता छीन न ली जाए। कृपया हमें वंचित न करें। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि डबल इंजन सरकार नागरिकों को गलत तरीके से रोहिंग्या बताकर हिरासत केंद्रों में डाल रही है और फिर उन्हें बांग्लादेश भेजने की साजिश कर रही है। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह जनकल्याण के मुद्दों पर फोकस करने के बजाय हर बात को लेकर कोर्ट भागती है।
ममता बनर्जी ने कहा, डबल इंजन सरकार हमारी नागरिकता छीनना चाहती है। हमें रोहिंग्या बताकर हिरासत केंद्रों में डालना चाहती है और फिर बांग्लादेश भेजना चाहती है। भाजपा हर बात पर कोर्ट जाती है। मेरे पास 1912 का दस रुपये का नोट है जिस पर बंगाली में लिखा है, फिर भी वे कहते हैं कि बंगाली भाषा नहीं है।
इससे पहले भाजपा सांसद और पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा था कि अगर मुख्यमंत्री यह सोचती हैं कि वह अवैध मतदाताओं की मदद से फिर से सत्ता में आएंगी, तो यह उनकी गलतफहमी है। भट्टाचार्य ने कहा, उन्हें विरोध करने दीजिए। ममता बनर्जी की मांग है कि मृत लोगों के नाम सूची से न हटाए जाएं। अगर उन्हें लगता है कि वे बांग्लादेशियों, जिहादियों, रोहिंग्याओं, अवैध प्रवासियों और अवैध मतदाताओं की मदद से चौथी बार सत्ता में आएंगी, तो यह उनकी भूल है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का एसआईआर प्रक्रिया का विरोध करना सांविधानिक संस्थाओं पर हमला है। भट्टाचार्य ने कहा, भारत की जनता ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगी। ममता बनर्जी को जो कहना है, वह सुप्रीम कोर्ट में जाकर कहें। इस बार यह सरकार जाएगी। एक दिन पहले ममता बनर्जी ने झाड़ग्राम में एक विरोध मार्च निकाला था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाली बोलने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, अगर असली मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाया गया, तो मैं दुनियाभर में विरोध करूंगी। मालपुआ (भाजपा नेता अमित मालवीय) मेरी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है। चाहे मुझे गिरफ्तार कर लो या गोली मार दो, मैं बंगाली भाषा के अपमान का विरोध करती रहूंगी।

ममता बनर्जी ने यह भी दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया के पीछे एनआरसी की साजिश है। उन्होंने कहा, असम में सात लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए, जिनमें हिंदू बंगाली भी शामिल हैं। कूचबिहार और अलीपुरद्वार में नोटिस भेजे जा रहे हैं और भारतीय नागरिकों को बांग्लादेश भेजा जा रहा है। एक भी नाम मतदाता सूची से नहीं हटना चाहिए। हमारे दो अधिकारियों को निलंबन को लेकर चुनाव आयोग से नोटिस मिला है। डरने की कोई जरूरत नहीं है। चुनाव में आठ से नौ महीने बाकी हैं, लेकिन भाजपा अभी से लोगों को निलंबन करवा रही है। चुनाव आयोग अब भाजपा का एजेंट बन गया है।

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