ऑपरेशन सिंदूर के बाद सभी बटालियनों में शामिल होंगे UAV और ड्रोन सिस्टम
सेना को मिलेगी नई ताकत
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना बदलाव के दौर से गुजर रही है। ऑपरेशन के दौरान मिले अनुभवों से सबक लेकर सेना भविष्य के युद्धों और ऑपरेशन्स के लिए आधुनिक हथियारों को शामिल कर रही है।
नई दिल्ली : ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को पटखनी देने वाली भारतीय सेना अब अपनी धार को और मजबूत करने वाली है। भविष्य के संभावित युद्धों और बदलती तकनीकों को ध्यान में रखते हुए सेना अब अपने संगठनात्मक स्तर पर बदलाव की तैयारी कर रही है। भारतीय सेना में अब हर बटालियन के स्तर पर मानव रहित हवाई वाहन (UAV), ड्रोन्स और ड्रोन-रोधी प्रणालियों को शामिल करने पर ध्यान दिया जा रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सेना ने कुछ सबक लिए हैं। इन सबक के आधार पर ही कुछ बदलावों पर चर्चा चल रही थी। काफी बातचीत के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। इस बदलाव में मुख्य रूप से बटालियन में शामिल पैदल सेना, तोपखाने और बख्तरबंद गाड़ियों के साथ यूएवी और ड्रोन रोधी इकाइयों को भी शामिल करना है। हालांकि सेना की सभी इकाईयां ड्रोन्स का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन इन्हें अभी भी छोटे रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद इनका महत्व जगजाहिर हो गया है। ऐसे में सेना अब इस तकनीक पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
सूत्रों के मुताबिक सेना द्वारा बनाए जा रहे नए सिस्टम के तहत हर बटालियन में इन अलग-अलग प्रणालियों को संचालित करने के लिए अलग-अलग टीमों का निर्माण किया जाएगा। यह टीमें अपने कामों के लिए ही समर्पित होंगी। उन्होंने कहा, "प्रत्येक बटालियन को एक ऐसा सिस्टम तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसमें उनके कुछ कर्मचारी खासतौर पर संचालन की जिम्मेदारी को ही संभालें। इन चुनें हुए कर्मचारियों को सेना अपने अनुसार प्रशिक्षण भी देगी।
इसके अलावा सेना भैरव यूनिट नाम से 30 नई हल्की कमांडो बटालियन बनाने की तैयारी में भी है। हर यूनिट में 250 सैनिकों की तैनाती की जाएगी। इस यूनिट को सटीक अभियानों के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। यह यूनिट्स सेना की तमाम कमांड्स के साथ मिलकर काम करेंगे और स्पेशल मिशन के दौरान अपनी सेवाएं देंगे