पूर्वजों को याद करने के लिए सबसे शुभ समय पितृपक्ष 

पितृ पक्ष का आरंभ 7 सितंबर से 

पूर्वजों को याद करने के लिए सबसे शुभ समय पितृपक्ष 

अपने पूर्वजों को याद करने के लिए और उनकी पूजा करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे शुभ माना गया है|

नयी दिल्ली : अपने पूर्वजों को याद करने के लिए और उनकी पूजा करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे शुभ माना गया है| ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर स्वर्ग लोक से धरती लोक में आते हैं और अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद देते हैं| इस बार पितृ पक्ष का आरंभ 7 सितंबर से होने जा रहा है और इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि का श्राद्ध एक ही दिन किया जाएगा| बता दे कि पितरपक्ष यानी श्राद्ध का आरंभ होने से पहले पिठौरी अमावस्या को कुश ग्रहण किया जाता है| इसके बाद प्रोष्ठपदी पूर्णिमा तिथि को पहले श्राद्ध किया जाता है| पितर पक्ष के पहले दिन अगस्त मुनि का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है| 
पितृपक्ष में रखें इन बातों का विशेष ख्याल
पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध तिथि के अनुसार किया जाता है| जिस दिन भी आपके पितरों का निधन हुआ हो उस तिथि के अनुसार, पितृपक्ष में श्राद्ध किया जाता है| श्राद्ध के दिन अपने पितरों का प्रिय भोजन जरुर बनाएं और इस दिन ब्राह्मण, कौए, गाय, बिल्ली और कुत्तों को जरूर खाना खिलाना चाहिए| इससे पंचबलि कहा जाता है| श्राद्ध के दिन सबसे पहले तर्पण करें| तर्पण के लिए काले तिल, जौ, और जल से पितरों को अर्घ्य दें| वैसे तो श्राद्ध पक्ष के दौरान रोजाना तर्पण करना बेहद जरूरी है| वैसे तो पितृपक्ष में दान करने का विशेष महत्व है और आप किसी भी दिन दान कर सकते हैं लेकिन, जिन दिन आपके पितरों का श्राद्ध है उस दिन दान जरुर करना चाहिए|

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