बेनीबाद में सैलाब, ग्रामीण पलायन को मजबूर
बढ़ रहा है बागमती नदी का जलस्तर, प्रशासन है बेखबर
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अजय कुमार पाण्डेय / गजनफर इकबाल मुजफ्फरपुर:
( बिहार ) पिछले कई दिनों से हो रही भारी वर्षा और नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण बागमती नदी के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है! बागमती का जलस्तर ख़तरे के निशान के उपर बह रहा है, बेनीबाद तथा आस - पास के गांव में बाढ़ जैसे स्थिति बनी हुई है! बेनीबाद में यह स्थिति काफी भयावह है, सड़कों पर पानी बह रहे हैं! आवागमन ठप हो गया है! पहुंच पथ पर परिचालन बिल्कुल बंद है! मदरसा क़ासमिया, सरकारी स्कूलों, क़ब्रिस्तानों के प्रांगण में पानी भर गया है! बच्चों की छुट्टी कर सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है! घरों में पानी भर जाने के कारण गांव की हालत ख़राब होती जा रही है! खाने - पीने की भी समस्याएं उत्पन्न हो रही है!
आवागमन बाधित होने के कारण आवश्यक वस्तुओं की ख़रीद - बिक्री भी नहीं हो पा रही है! प्रशासन द्वारा अभी तक कोई पहल नहीं किया गया है! राहत सामग्री भी नहीं मिल रही है! सरकारी नव की भी व्यवस्था नहीं है! स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी लोगों द्वारा ही आंशिक रूप से मदद मिल पा रही है! मुजफ्फरपुर-दरभंगा, नेशनल हाईवे मार्ग संख्या - 57 ( अब 27 ) के बिल्कुल निकट यह गांव बसा है! करीब पांच हजार आबादी वाले इस गांव में तीन सरकारी स्कूल, तीन आंगनबाड़ी केंद्र, तीन मस्जिद, तीन कब्रिस्तान, एक मदरसा, एक थाना, खादी ग्रामोद्योग केंद्र तथा एक बाढ़ नियंत्रण कार्यालय भी मौजूद है! पूरे क्षेत्र में यह गांव अपनी विशिष्ट पहचान रखता है! बावजूद इसके प्रशासन और संबंधित विभाग कोई पहल नहीं कर रहा है! हालांकि पहले भी बाढ़ आते रहे हैं! लेकिन इस बार की स्थिति काफी भयावह है! नदी का जलस्तर लगातार बढ़ ही रहा है! लोगों ने बाढ़ पूर्व तैयारी भी नहीं कर रखी थी, क्योंकि अक्टूबर महीने में बाढ़ आने की समस्या कम ही रहती है! पुरानी सड़क जो पी.डब्ल्यू.डी. की सड़क के नाम से जानी जाती थी! वह भी वर्षों से टूटी पड़ी है! सड़क को जोड़ने वाली पुल भी अब नहीं है! गांव को एक छोर से दुसरे छोर जाने का यही एक मात्र साधन था! ईदगाह भी जाने का रास्ता इसी पुल से होकर था! प्रशासन को कई बार इससे अवगत कराया जा चुका है! लेकिन सुस्त रवैये के कारण इसका पुनर्निर्माण नहीं हो पाया!
यदि प्रशासन तथा संबंधित विभागों द्वारा जल्द ही राहत कार्यों की पहल नहीं की गई, तो हालात और भी खराब हो सकते हैं! चुनावों की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है! सरकार की अनदेखी के कारण जनता में काफी रोष है! जिसका प्रभाव आगामी चुनावों पर भी पर सकता है!