सुप्रीम कोर्ट में डीए मामले की सुनवाई टली
मंगलवार को सभी पक्षों की होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में महंगाई भत्ते (डीए) मामले की सुनवाई एक बार फिर टल गई। सोमवार को राज्य सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा-"न तो हाईकोर्ट और न ही ट्रिब्यूनल ने राशि तय की है।
निज संवाददाता : सुप्रीम कोर्ट में महंगाई भत्ते (डीए) मामले की सुनवाई एक बार फिर टल गई। सोमवार को राज्य सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा-"न तो हाईकोर्ट और न ही ट्रिब्यूनल ने राशि तय की है। यह बहुत बड़ी रकम का मामला है। हम अदालत के आदेश का पालन कराना चाहते हैं। लेकिन बकाया डीए के 25 फीसद के भुगतान के लिए धनराशि जुटाने में कुछ समय लगेगा।" मामले का जल्द निपटारा करने का संकेत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा-"ज़रूरत पड़ने पर हर दिन सुनवाई होगी।" इसके अनुसार, सुप्रीम कोर्ट कल यानी मंगलवार को सभी पक्षों के बयान सुनेगा।
उल्लेखनीय है कि 16 मई को सुप्रीम कोर्ट में महंगाई भत्ते (डीए) मामले में न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि अगले 4 हफ्तों के भीतर बकाया डीए के 25 फीसद का भुगतान किया जाए। हालांकि राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बार-बार तर्क दिया कि डीए राज्य सरकार के कर्मचारियों के अधिकारों में नहीं आता है। न्यायाधीशों ने कहा कि अगर ऐसा नहीं भी है, तो भी इस तरह दिन-ब-दिन पैसा रोका नहीं जा सकता। इसलिए, न्यूनतम राशि का भुगतान निर्धारित समय के भीतर किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई समय सीमा बीत जाने के बाद भी सरकारी कर्मचारियों को उनका महंगाई भत्ता नहीं मिला है। राज्य सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा याचिका दायर कर चुकी है। उस याचिका में कहा गया है कि डीए को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए छह महीने और चाहिए। क्योंकि, बकाया महंगाई भत्ते के भुगतान के लिए आवश्यक धनराशि चालू वित्त वर्ष के बजट में आवंटित नहीं की गई है। इसके साथ ही राज्य ने यह भी कहा कि चूंकि अदालत के आदेश की समीक्षा के लिए आवेदन किया जा रहा है, इसलिए भुगतान की जाने वाली धनराशि अदालत में जमा की जानी चाहिए। क्योंकि अगर कर्मचारियों को यह पैसा दे दिया जाता है, तो बाद में अगर आदेश राज्य के पक्ष में चला जाता है, तो पैसे की वसूली संभव नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई स्थगित कर दी। राज्य सरकार के कर्मचारी इंतजार कर रहे हैं कि मंगलवार को अदालत में क्या होता है।