सावन का आखिरी सोमवार आज
शिवालयों में उमड़ी भीड़
चौथा व अंतिम सावन का सोमवार 4 अगस्त 2025 यानी आज है| पूजा का ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 5 बजकर 20 मिनट तक ही रहा| इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का संयोग रहा जो इसे अत्यंत शुभ बनाता है|
नयी दिल्ली : चौथा व अंतिम सावन का सोमवार 4 अगस्त 2025 यानी आज है| पूजा का ब्रह्म मुहूर्त आज सुबह 4 बजकर 20 मिनट से 5 बजकर 20 मिनट तक ही रहा| इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग का संयोग रहा जो इसे अत्यंत शुभ बनाता है| इन सभी योगों में भगवान शिव का जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है| सावन सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना और स्वच्छ वस्त्र पहनना| उसके बाद घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करना, भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करना| फिर, हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करना एवं ऊं नमः शिवाय का जाप आरंभ करना शुभ होता है| उसके बाद दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए| फिर गंगाजल से स्नान कराकर बेलपत्र, धतूरा, भांग, आक का फूल, सफेद फूल, चंदन, अक्षत, फल, मिठाई, इत्र अर्पित करना चाहिए|
उसके बाद ऊं नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करना और महामृत्युंजय मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए| अंत में माता पार्वती और भगवान शिव की आरती के बाद सावन सोमवार की व्रत कथा पढ़ना चाहिए या किसी ब्राह्मण से सुनना चाहिए| पूजा के बाद प्रसाद को परिवार और श्रद्धालुओं में वितरित करना चाहिए| उपवास में फल, सूखे मेवे, दूध आदि का सेवन करना, शाम को चंद्रमा को जल से अर्घ्य देना एवं अगले दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराने का नियम है| फिर स्वयं सात्विक अन्न ग्रहण करके व्रत का पारण करना चाहिए| सावन सोमवार के दिन जल, दूध, दही, घी, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद फूल, चंदन, इत्र, फल, मिठाई ही शिवलिंग पर चढ़ाने का नियम है| तुलसी, सिंदूर, हल्दी, केतकी के फूल, शंख से जल, टूटे हुए चावल शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए|