भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस त्रिकंड मिस्र पहुंचा
भारत-मिस्र के बीच रक्षा, समुद्री सहयोग से पाकिस्तान और तुर्की को मिर्ची लग सकती है
सफागा : भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट, आईएनएस त्रिकंड मिस्र के पोर्ट सफागा पहुंचा। ऑपरेशनल तैनाती के तहत आईएनएस त्रिकंड मिस्र ने 6 से 8 अक्टूबर तक दौरा किया। भारत के मिस्र स्थित राजदूत एस के रेड्डी ने पोत के चालक दल से बात की। मिस्र और भारत के बीच रक्षा संबंध सौहार्दपूर्ण हैं। मीडिया रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय के मुताबिक मिस्र भारतीय विमानों और नौसैनिक जहाजों के यूरोप और अटलांटिक क्षेत्र में ओवरहाल या सैन्य अभ्यास के दौरान आने-जाने का प्रमुख मार्ग है। पिछले कुछ सालों में कई भारतीय वायु सेना के विमान और नौसेना के जहाज मिस्र के जरिए यात्रा कर चुके हैं। काहिरा में भारतीय दूतावास ने अपने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि आईएनएस त्रिकंड ने 6 से 8 अक्टूबर को अपने ऑपरेशनल तैनाती के तहत सफागा का दौरा किया। भारतीय नौसेना ने पोस्ट में कहा कि भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस त्रिकंड अपने चल रहे ऑपरेशनल तैनाती के दौरान 6 अक्टूबर को सफागा, मिस्र में पोर्ट पर पहुंचा। इस दौरे से भारत और मिस्र के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता उजागर होती है। कप्तान सचिन कुलकर्णी, कमांडिंग ऑफिसर आईएनएस त्रिकंड, ने रेड सी नेवल बेस के कमांडर रियर एडमिरल रामी इस्माइल से मुलाकात की। चर्चाएं आपसी हितों और समुद्री सहयोग के विषयों पर हुईं। भारत और मिस्र के बीच रक्षा और समुद्री सहयोग काफी मजबूत है। दोनों देशों के बीच नौसैनिक और वायु सेना के आदान-प्रदान नियमित रूप से होते हैं। मिस्र भारतीय सैन्य जहाजों और विमानों के लिए यूरोप और अटलांटिक क्षेत्र में ओवरहाल और अभ्यास के दौरान एक अहम ट्रांजिट हब है। दोनों देशों ने संयुक्त प्रशिक्षण, तकनीकी सहयोग और समुद्री सुरक्षा पर बातचीत की है। इस संबंध में भारत मिस्र को रणनीतिक दृष्टि से अहम मानता है, विशेषकर रेड सी क्षेत्र में। भारत और मिस्र के बीच रक्षा और समुद्री सहयोग से पाकिस्तान और तुर्की को मिर्ची लग सकती है क्योंकि इन दोनों देशों के बीच संबंध ऐतिहासिक, धार्मिक और रणनीतिक आधार पर मजबूत हैं। दोनों देश कई सैन्य और सुरक्षा समझौतों में साझेदार हैं। तुर्की पाकिस्तान को हथियारों, ड्रोन और रक्षा तकनीक में सहयोग देता है। बता दें जहां भारत-मिस्र संबंध अधिक रणनीतिक और औपचारिक सैन्य सहयोग पर आधारित हैं। भारत-मिस्र सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और समुद्री सुरक्षा पर फोकस्ड है, जबकि पाकिस्तान-तुर्की सहयोग में हथियारों की सप्लाई और राजनीतिक समर्थन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।