वेनेजुएला की मारिया कोरीना मचाडो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार
टूट गया डोनाल्ड ट्रंप का सपना
निज संवाददाता : 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मारिया कोरीना मचाडो को वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष के लिए दिया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने कई युद्ध रुकवाने का दावा करते हुए पुरस्कार की दावेदारी की थी, इस दौड़ से बाहर हो गए हैं, जबकि उन्हें 8 देशों ने नामांकित किया था।
नोबेल प्राइज का ऐलान नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में किया गया। इस बार इस पुरस्कार के लिए 338 उम्मीदवार थे। इन सब में अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में था। वे खुद कई बार नोबेल प्राइज को लेकर अपनी दावेदारी कर चुके थे। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि उन्हें यह पुरस्कार मिलना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत-पाकिस्तान समेत 7 युद्ध रुकवाए हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ये सपना अब टूट चुका है। उनकी जगह मारिया कोरीना मचाडो को शांति पुरस्कार दिया गया है। मचाडो को यह पुरस्कार वेनेज़ुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।
नोबेल प्राइज का ऐलान करते हुए कमेटी की तरफ से कहा गया कि हमने हमेशा से ही बहादुर लोगों का सम्मान किया है। ऐसे लोग जिन्होंने दमन के खिलाफ खड़े होकर आजादी की उम्मीद हमेशा रखी है। कमेटी ने कहा कि पिछले साल मचाडो को अपनी बचाने के लिए छिपकर रहना पड़ा था। इसके बाद भी उन्होंने अपने देश में ही रहना चुना था।
मारिया कोरिना माचाडो का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेजुएला की राजधानी कराकस में हुआ था। उन्होंने एंड्रेस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इंस्टिट्यूटो डी एस्टुडीओस सुपीरियोर्स दे एडमिनिस्ट्रासियन से वित्त में ग्रेजुएशन किया है।
गौरतलब है कि ट्रंप को नोबेल प्राइज देने के लिए 8 देशों ने नॉमिनेट किया था। इनमें पाकिस्तान और इजराइल के अलावा अमेरिका, आर्मेनिया, अजरबैजान, माल्टा, कंबोडिया जैसे देश हैं। नोबेल प्राइज के लिए हर साल 1 फरवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाती है।
पिछले साल नोबेल शांति पुरस्कार जापान के निहोन हिडांक्यो को दिया गया था। निहोन हिडांक्यो की स्थापना साल 1956 में हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिकी परमाणु बम हमलों से प्रभावित लोगों ने की थी, जिन्होंने शारीरिक पीड़ा और दर्दनाक यादों के बावजूद, शांति के लिए आशा और जुड़ाव पैदा करने के लिए अपने अनुभवों का उपयोग करने का विकल्प चुना था।