ममता बनर्जी ने टीएमसी के सांसदों के साथ की बैठक

12 मिनट की वर्चुअल बैठक से बंगाल में मची सियासी हलचल

ममता बनर्जी ने टीएमसी के सांसदों के साथ की बैठक

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सांसदों के साथ एक बैठक की। बड़ी बात यह कि यह बैठक अचानक बुलाई गई।

निज संवाददाता :  बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सांसदों के साथ एक बैठक की। बड़ी बात यह कि यह बैठक अचानक बुलाई गई। इसको लेकर सांसदों में तमाम तरह की अटकलें लगीं। वहीं, ममता की यह मीटिंग महज 12 मिनट चली। इन 12 मिनट में बड़े फैसले हुए। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी सब तय करके आई थीं। उन्होंने यह बैठक वर्चुअल बुलाई थी। वह आईं, अपने फैसले सुनाए और निकल गईं। 
गौरतलब है कि बंगाल  में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में बदलाव किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि टीएमसी अगले साल दिल्ली में एक नई टीम बनाना चाहती है। दिल्ली की टीम अभिषेक बनर्जी के साथ मिलकर काम करेगी।
माना जा रहा है कि  ममता बनर्जी  विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव की भी तैयारी कर रही हैं। बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए बनाया गया इंडिया  गठबंधन वह और मजबूत करना चाहती हैं। इतना ही नहीं, वे इंडिया गठबंधन में टीएमसी की पैठ को भी मजबूत बनाना चाहती हैं। कहा जा रहा है कि दिल्ली में बंगाल और तृणमूल कांग्रेस की छवि खराब हो रही है। पार्टी को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो समझदार हो और पार्टी की बातों को सही तरीके से प्रजेंट कर सके।
अभिषेक बनर्जी  ममता बनर्जी के भतीजे हैं। वे डायमंड हर्बर से सांसद भी हैं। वे पहले से ही दिल्ली में पार्टी का काम देख रहे हैं। अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सांसदों के साथ ऑनलाइन मीटिंग में आधिकारिक तौर पर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। मीटिंग भले ही 12 मिनट चली, लेकिन टीएमसी में यह बदलाव बहुत बड़ा है। पार्टी के चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी और संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को हटा दिया गया। अभिषेक बनर्जी को संसदीय दल का नेता बनाया गया है। बड़ी बात यह कि अभिषेक बनर्जी को ममता बनर्जी का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है।
ममता बनर्जी की इस 12 मिनट की वर्चुअल मीटिंग ने बंगाल में सियासी हलचल तेज कर दी है। इधर  कल्याण बनर्जी  ने कहा कि मैंने लोकसभा में पार्टी के चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा-'दीदी ने वर्चुअल मीटिंग में कहा कि पार्टी सांसदों के बीच तालमेल की कमी है। यह आरोप मुझ पर है, इसलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।'
कल्याण बनर्जी ने यहां तक कहा-'जिन्हें ममता बनर्जी ने सांसद बनाया है, वे लोकसभा आते ही नहीं हैं। दक्षिण कोलकाता, बैरकपुर, बांकुड़ा, उत्तर कोलकाता... शायद ही कोई सांसद, संसद आता है। मैं क्या कर सकता हूं?  मेरी इसमें क्या गलती है? मुझ पर हर चीज का आरोप मढ़ा जा रहा है।'
बंगाल में 2026  में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले पार्टी में अभिषेक बनर्जी को मिली बड़ी जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस में कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा के बीच भी जुबानी जंग जारी है। दोनों नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। दोनों के बीच मामला इतना बढ़ गया कि कल्याण बनर्जी ने पार्टी मुख्यालय को टीएमसी संसदीय दल के मुख्य सचेतक पद को छोड़ते हुए अपना इस्तीफा भेज दिया, लेकिन उनके इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया है। सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी 7 अगस्त को कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा से मिलेंगे और इस मुद्दे को सुलझाएंगे।
इससे पहले कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा के निजी जीवन को निशाना बनाते हुए कहा था कि वे मुझे महिला विरोधी कहती हैं, लेकिन उन्होंने खुद 40 साल पुरानी शादी तुड़वा दी, एक महिला की शादी तोड़कर 65 साल के व्यक्ति से विवाह किया। अब बताएं, असली महिला विरोधी कौन है, मैं या वह?

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