50 किमी दूर से कलेक्टर के पास पहुंचीं 100 महिलाएं

मीटिंग छोड़कर आईं मैडम ने सबको कर दिया खुश

50 किमी दूर से कलेक्टर के पास पहुंचीं 100 महिलाएं

बड़वानी में आवास योजना में नाम नहीं होने को लेकर 100 महिलाएं 50 किमी दूर से कलेक्टर ऑफिस पहुंचीं। वहीं, कलेक्टर ने भी मीटिंग छोड़कर उनसे मुलाकात की।

बड़वानी में आवास योजना में नाम नहीं होने को लेकर 100 महिलाएं 50 किमी दूर से कलेक्टर ऑफिस पहुंचीं। वहीं, कलेक्टर ने भी मीटिंग छोड़कर उनसे मुलाकात की। साथ ही जवाबों से उन्हें संतुष्ट कर लौटा दिया है
बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के राजपुर सबडिवीजन के वासवी पंचायत की 100 से अधिक महिलाओं ने आवास योजना में अपने नाम नहीं होने को लेकर कलेक्ट्रेट के अंदर प्रवेश कर प्रदर्शन किया। लेकिन जैसे ही जिला कलेक्टर ने उनके नाम सूची में बताए, वह संतुष्ट होकर वापस लौट गयीं।

50 किमी दूर कलेक्टर ऑफिस पहुंचीं

वासवी ग्राम पंचायत की 100 से अधिक महिलाएं पैदल 50 किलोमीटर दूर जिला कलेक्टर कार्यालय के लिए निकली थीं। करीब 5 किलोमीटर के बाद वे वाहनों में सवार होकर कलेक्ट्रेट में पहुंची। अपर कलेक्टर और अन्य अधिकारियों ने टाइम लिमिट बैठक का हवाला देते हुए उन्हें इंतजार करने को कहा। लेकिन वह थोड़ी देर बाद कलेक्टर कार्यालय के हाल में पहुंच गई। उन्होंने कहा कि वह केवल जिला कलेक्टर से ही मिलना चाहती हैं।
योजना में अधिकांश परिवारों के नाम नहीं
उन्होंने बताया कि आवास योजना में अधिकांश परिवारों के नाम नहीं होने से वे कच्चे मकान में ही रहती हैं। मेहमान भी आने में कतराते हैं। इसके अलावा मांगलिक भवन, नल जल योजना और पंचायत सचिव को लेकर भी उनकी दिक्कतें थीं। उन्होंने कि कहा करीब 1500 की आबादी वाले गांव में 350 कच्चे मकान है लेकिन 2011 से केवल चुनिंदा लोगों को ही आवास योजना का लाभ मिला है।


मीटिंग स्थगित कर दी

मंगलवार को निर्धारित टाइम लिमिट बैठक में विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ व्यस्त प्रभारी जिला कलेक्टर काजल जावला ने मीटिंग स्थगित कर दी। साथ ही महिलाओं के साथ चर्चा को तरजीह दी। उन्होंने प्रत्येक महिलाओं की बातों को ध्यान से सुना और इसके बाद ग्राम पंचायत वासवी से संबंधित दस्तावेज मंगाए।

सर्वे में जोड़ लिया गया है नाम

उन्होंने बताया कि 2017 के सर्वे में आवास योजना कुटीर में शेष रहे पात्र हितग्राहियों को लेटेस्ट सर्वे में जोड़ लिया गया है। उन्होंने महिलाओं को आश्वस्त किया कि 2 सितंबर को ग्राम वासवी में एक कैंप लगाया जाएगा उसमें 100% पात्र हितग्राहियों के नाम भी वाचन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शेष अन्य समस्याओं को भी मौके पर सुनकर निराकृत किया जाएगा।
अपनी मूल समस्या का निराकरण पाकर संतुष्ट हुई महिलाएं देर शाम अपने घरों को लौट गई।
गौरतलब है कि बड़वानी और खरगोन जिलों में अपनी समस्याओं को कलेक्टर तक पहुंचाने का अलग ही ट्रेंड चलन में आया है। पहले हॉस्टल के छात्र-छात्राओं के अचानक आक्रोशित होकर पैदल मार्च करने की घटनाएं सामने आई थीं, अब ग्रामीणों ने भी इस युक्ति को अपना लिया है। हालांकि नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारी और नेता बताते हैं कि इसके पीछे इन्हें क्षेत्रीय संगठन भी उकसाते हैं।

Tags:

About The Author

Advertisement

Latest News

ऐसी फिल्में जिनमें हीरोइन शेरनियों की तरह लड़ीं, ऐसी फिल्में जिनमें हीरोइन शेरनियों की तरह लड़ीं,
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ऐसी फिल्में भी बनीं जिसमें एक्ट्रेसेस ने अपने एक्शन सीक्वेंस से दर्शकों का दिल जीता. आज उन्हीं...
"हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी स्लैब में बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन कदमों से उपभोक्ताओं को राहत तो जरूर मिलेगी
After over four decades in the insurance industry
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा अक्टूबर में होने की संभावना है। चुनाव आयोग नवंबर में दो से तीन चरणों में मतदान करा सकता है।
2024 से पहले आए पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय सीएए के तहत कर सकेंगे नागरिकता के लिए आवेदन
प्रकाशित हुई उपेक्षित बंगाली क्रांतिकारियों की कहानियों की किताब
करम पूजा से लौटने के बाद बढ़ा वैवाहिक कलह