शांतनु सेन को बंगाल मेडिकल काउंसिल ने किया निलंबित
टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था।
तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य और मशहूर डॉक्टर शांतनु सेन को बंगाल मेडिकल काउंसिल ने बीते 3 जुलाई को निलंबित कर दिया। उन पर प्रैक्टिस के दौरान कथित तौर पर विदेशी मेडिकल डिग्री होने का बेबुनियाद दावा करने को लेकर काउंसिल ने ये कार्रवाई की गई।
निज संवाददाता : तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य और मशहूर डॉक्टर शांतनु सेन को बंगाल मेडिकल काउंसिल ने बीते 3 जुलाई को निलंबित कर दिया। उन पर प्रैक्टिस के दौरान कथित तौर पर विदेशी मेडिकल डिग्री होने का बेबुनियाद दावा करने को लेकर काउंसिल ने ये कार्रवाई की गई।
मालूम हो कि सेन को पिछले साल मेडिकल काउंसिल से नामित सदस्य के रूप में हटा दिया गया था, जब उन्होंने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए एक महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर सत्तारूढ़ टीएमसी के रवैये पर सवाल खड़े किए थे। काउंसिल के अध्यक्ष सुदीप्तो रॉय ने बताया कि शांतनु सेन को 2 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि वो प्रैक्टिस के दौरान अपनी विदेशी डिग्री के उल्लेख को लेकर संतोषजनक जवाब देने में नाकाम रहे।
उन्होंने बताया कि शांतनु सेन प्रमाण पत्र के अलावा अपने दावों को साबित करने के लिए कोई और दस्तावेज पेश नहीं कर सके और यह भी साबित नहीं कर सके कि क्या प्रैक्टिस के दौरान इस तरह से ऐसी डिग्री का जिक्र किया जा सकता है। रॉय के मुताबिक सेन को 3 जुलाई को काउंसिल के सदस्यों के सामने पेश होने को कहा गया था, जिसके बाद निलंबन का आदेश जारी किया गया।
इस मामले में शांतनु सेन ने कहा कि निलंबन नोटिस के बारे में उन्हें काउंसिल से अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने (परिषद ने) पहले ही मीडिया को जानकारी दे दी है। सेन ने आरोप लगाया कि राज्य मेडिकल काउंसिल का रवैया प्रतिशोधात्मक है। वो मुझसे प्रैक्टिस करने और इस दौरान मेरी वैध मेडिकल डिग्री का जिक्र करने का अधिकार नहीं छीन सकते।
शांतनु सेन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य हैं। इससे पहले आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले में प्रशासन की आलोचना करने और पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के आंदोलन का समर्थन करने के कारण टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था।