नंदन प्रांगण में शरद पुस्तक मेला
पिछले कुछ वर्षों की तरह इस वर्ष भी कोलकाता के रवींद्रसदन–नंदन–बंगला अकादमी प्रांगण में पब्लिशर्स ऐंड बुकसेलर्स गिल्ड ने शरद पुस्तक पर्व का आयोजन किया है।
निज संवाददाता : पिछले कुछ वर्षों की तरह इस वर्ष भी कोलकाता के रवींद्रसदन–नंदन–बंगला अकादमी प्रांगण में पब्लिशर्स ऐंड बुकसेलर्स गिल्ड ने शरद पुस्तक पर्व का आयोजन किया है। बीते 30 अगस्त को इस उत्सव का उद्घाटन प्रख्यात साहित्यकार शीर्षेंदु मुखोपाध्याय ने किया। इस अवसर पर साहित्यकार प्रचेत गुप्ता, राज्य के शिक्षा मंत्री और अकादमी अध्यक्ष ब्रात्य बसु, गिल्ड के अध्यक्ष सुधांशु शेखर दे, महासचिव त्रिदिव कुमार चट्टोपाध्याय समेत कई विशिष्टजन उपस्थित थे। उद्घाटन समारोह का संचालन दे’ज पब्लिशिंग के कर्ताधर्ता शुभंकर दे ने किया।
शरद पुस्तक पर्व का इतिहास बताता है कि कभी यह आयोजन विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में होता था। बाद में पाठक–प्रकाशकों की मांग पर इसे दुर्गापूजा से पहले आयोजित किया जाने लगा। इस वर्ष मेले में लगभग 70 प्रकाशन संस्थाएं भाग ले रही हैं, कुल 63 स्टॉल लगाए गए हैं।
यह पुस्तक मेला अन्य सामान्य मेलों से अलग है। यहां पाठकों को विशेष छूट दी जाती है—कई बार 20 से 50 या फिर 60 प्रतिशत तक। इसलिए पुस्तक प्रेमी कीमत देखकर निराश नहीं लौटते, बल्कि खुशी–खुशी अपनी पसंदीदा किताबें खरीद लेते हैं। नतीजतन प्रकाशक भी संतुष्ट रहते हैं और पाठक भी।
उद्घाटन के दिन शीर्षेंदु मुखोपाध्याय ने कहा कि नंदन प्रांगण अब समूचे बंगाल का सांस्कृतिक केंद्र बन चुका है। वहां पुस्तक मेला होना एक अलग ही आनंद है। किताबों की बिक्री कितनी हुई, यह उतना मायने नहीं रखता, बल्कि बड़ी बात यह है कि लोग किताबों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा, आज के दौर में टीवी, फेसबुक या इंटरनेट के कारण किताबों के पाठक घट रहे हैं—इस शिकायत को मैं नहीं मानता। बल्कि मेरा विश्वास है कि किताबों की मांग बढ़ रही है। आगामी 7 सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक यह शरद पुस्तक पर्व चलता रहेगा।