जनता के बीच आपकी उपस्थिति विश्वास का प्रतीक बने - राज्यपाल श्री पटेल
साइबर अपराधों में कमी लाना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि पुलिस के लिए जितना जरूरी कानून व्यवस्था बनाए रखना है, उतना ही जरूरी जनहितैषी छवि को पुख्ता बनाना भी है। इसलिए जरूरी है कि "जनता के बीच आपकी उपस्थिति विश्वास का प्रतीक बने।" राज्यपाल श्री पटेल भारतीय पुलिस सेवा के 77वें परिवीक्षाधीन प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी और डी.जी.पी. के प्रिन्सिपल स्टाफ ऑफिसर श्री विनीत कपूर भी मौजूद रहे। भारत भ्रमण के तहत इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मित्र राष्ट्र भूटान, नेपाल और मालदीव के अधिकारी भी शामिल हुए।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि पुलिस सेवा एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसमें अनुशासन, ईमानदारी, निष्पक्षता, संवेदनशीलता और जनसेवा समाहित है। पुलिस को आम जनता कानून व्यवस्था के रक्षक और न्याय दिलाने वाले के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि आई.पी.एस. अधिकारी के रूप में मिलने वाली शक्तियां और विशेषाधिकार समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की सेवा के साधन हैं। इसलिए अपने सेवा काल में हमेशा जनसेवा को ही केंद्र में रखें।
साइबर अपराधों में कमी लाना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि साइबर अपराध वर्तमान समय की बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसमें कमी लाना आप सबकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। इसके लिए सतत जन जागरूकता और जन संवाद के नवाचार किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जब भी दूरस्थ क्षेत्रों में जाएं तो गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों के प्रति आत्मीय और संवेदनशील रहें। अपनी शिक्षा और मेधा का उपयोग जनता की सेवा में करें।
राज्यपाल श्री पटेल का प्रशिक्षु अधिकारी श्री नारायण उपाध्याय ने पौधा भेंट कर स्वागत किया। श्री उपाध्याय ने भारत भ्रमण के तहत विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी भी दी। प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री नीपा मनोचा और श्री राहुल आर. अतराम ने स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। आभार प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री सुषमा सागर ने माना। संचालन ए.आई.जी. ट्रेनिंग सुश्री श्रद्धा जोशी ने किया। राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्री अरविंद पुरोहित और प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित
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