सोमवार को मनाया जाएगा मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह

सोमवार को  मनाया जाएगा  मां विंध्यवासिनी का  जन्मदिन समारोह

प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा अनुसार श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र, विंध्याचल के बैनर तले मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह आगामी सोमवार 11 अगस्त को धूमधाम से मनाया जाएगा।

WhatsApp Image 2025-08-06 at 15.30.24 (1)मिर्जापुर  ( उत्तर प्रदेश ) :  प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी परंपरा अनुसार श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र, विंध्याचल के बैनर तले मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह आगामी सोमवार  11 अगस्त  को धूमधाम से मनाया जाएगा। श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र की तरफ से पिछले 55 वर्षों से मां विंध्यवासिनी का  जन्मदिन समारोह मनाया जा रहा है।  यह जानकारी  मंदिर कमेटी के अध्यक्ष, भगवान दत्त पाठक ( राजन पाठक ) ने दी।  उन्होंने  बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मां विंध्यवासिनी के जन्मदिन समारोह में देश भर के चर्चित जागरण कलाकार पहुंचकर भाग लेंगे  और संध्या पश्चात से अपनी प्रस्तुति आरंभ करके पूरे रात अपनी प्रस्तुति देंगे। इसमें  दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलौर व देश के विभिन्न राज्यों से भी चर्चित जागरण कलाकार भाग लेंगे।  मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि सभी के उदार सहयोग और स्नेह के कारण ही विगत कई वर्षों से पराम्बिका मां जगत जननी मां विंध्यवासिनी की पुण्य अवतरण के उपलक्ष में वृहद श्रृंगार, पूजन पाठ, प्रसाद वितरण एवं अखिल भारतीय संगीत समारोह का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न होता आ रहा है,  जिसमें अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शास्त्रीय संगीत के कलाकारों का अनूठा संगम होता आ रहा है।  कार्यक्रम का मुख्य आतिथ्य स्वीकार कर अब तक देश के केंद्रीय एवं राज्य - स्तरीय राजनेताओं ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की है। कार्यक्रम की सफलता में माननीय प्रधानमंत्री एवं महामहिम राष्ट्रपति द्वारा प्राप्त प्रशंसा-पत्र ने संस्था का उत्साहवर्धन किया है।  संस्था अपने उद्देश्यों के प्रति सचेष्ट  हो अग्रसरित है।  कार्यक्रम की सफलता का श्रेय मां विंध्यवासिनी के उन अनन्य भक्तों का रहा है जिन्होंने कार्यक्रम को तन, मन और धन से सफल बनाने हेतु श्री विंध्यवासिनी आराधना केंद्र को अपना पूर्ण समर्पित सहयोग प्रदान किया है।  इस पुनीत आयोजन में यथाशक्ति मां के भक्तों के सहयोग से ही होता रहा है।  
मालूम हो कि मां विंध्यवासिनी का जन्मदिन समारोह प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के एक दिन बाद यानी कि भादो कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि को ही विंध्यवासिनी आराधना केंद्र के बैनर तले परंपरा अनुसार मनाया जाता है, जिसमें प्रत्येक वर्ष देश भर के चर्चित जागरण कलाकार भी पहुंच कर संध्या पश्चात से अपनी प्रस्तुति आरंभ करके पूरे रात प्रस्तुति देते हैं, और मां के श्रद्धालु भक्त भी रात भर जागरण में शामिल रहकर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।  ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत पड़ने वाली पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन ( मुगलसराय ) - प्रयागराज ( इलाहाबाद ) मुख्य रेल खंड पर जो विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी का देशभर में चर्चित मंदिर है। यह वही जगत जननी, मां विंध्यवासिनी का मंदिर है जिन्हें भगवान श्री कृष्ण के मामा कंस  उठाकर और जमीन पर पटकते हुए मार देना चाहता था।  तब जगत जननी मां विंध्यवासिनी ने आकाश में उड़ते हुए कंस को चेतावनी दी थी, कि तुम मुझे क्या मारोगे दुष्ट कंस!  तुम्हें तो मारने वाला माता देवकी का आठवां पुत्र श्री कृष्ण जन्म ले चुका है जो वृंदावन में है।  इसके बाद जगत जननी मां विंध्यवासिनी आकाशीय मार्ग से उड़कर विंध्य पर्वत यानी की उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत पड़ने वाली विंध्याचल में ही आकर रह गई थी।  आज देश के साथ-साथ पूरे विश्व में भी मां विंध्यवासिनी का नाम तथा मंदिर प्रसिद्ध है।  मां विंध्यवासिनी माता यशोदा की पुत्री है।

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