चंद्र ग्रहण 2025: भाद्रपद पूर्णिमा की रात आकाश में अनोखा नजारा

7 सितंबर को होगा पूर्ण चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण 2025: भाद्रपद पूर्णिमा की रात आकाश में अनोखा नजारा

7 सितंबर 2025 की भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत सहित विश्व के कई हिस्सों में दिखाई देगा और इसका धार्मिक, ज्योतिषीय एवं सामाजिक महत्व रहेगा।

भारत में दिखने वाला वर्ष का एकमात्र ग्रहण

जयपुर-जोधपुर के पॉल बालाजी ज्योतिष संस्थान के निदेशक डॉ. अनीष व्यास के अनुसार, 2025 में भारत में दिखने वाला यह अकेला चंद्र ग्रहण होगा। इसका सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा और ग्रहण समाप्ति (1:27 AM) तक रहेगा। इसके बाद 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण होगा लेकिन वह भारत में दिखाई नहीं देगा।


ग्रहण के समय और अवधि
  • उपच्छाया प्रवेश: रात्रि 08:57 बजे

  • ग्रहण प्रारंभ (स्पर्श): रात्रि 09:57 बजे

  • पूर्णता प्रारंभ: रात 11:00 बजे

  • ग्रहण मध्य: रात 11:41 बजे

  • पूर्णता समाप्त: रात 12:23 बजे

  • ग्रहण समाप्त (मोक्ष): रात्रि 01:27 बजे

  • उपच्छाया अंत: रात 02:27 बजे

  • कुल अवधि: 3 घंटे 30 मिनट

  • पूर्णता अवधि: 1 घंटा 23 मिनट


खगोलीय और ज्योतिषीय महत्व
  • यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा।

  • चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध की स्थिति विशेष प्रभाव डालेगी।

  • इस समय में जन्मे जातकों (विशेषकर कुंभ राशि एवं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र वालों) को सावधान रहने की सलाह दी गई है।


धार्मिक मान्यताएं और सूतक नियम
  • जहां ग्रहण दिखाई देता है, वहां से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है।

  • इस दौरान पूजा-पाठ, शुभ कार्य और मूर्तियों का स्पर्श निषिद्ध है।

  • धर्मगुरुओं के अनुसार, सूतक समय में मानसिक जप, दान-पुण्य और भक्ति करना शुभ रहता है।

  • ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों की शुद्धि करके फिर से पूजा-पाठ आरंभ होती है।


क्या करें और क्या न करें
  • क्या न करें: मूर्तियों का स्पर्श, कैंची-धारदार वस्तुओं का उपयोग, अनावश्यक यात्रा, बाहर भोजन, श्रृंगार, और गर्भवती महिलाओं का ग्रहण देखना।

  • क्या करें: मानसिक जप, दान-पुण्य, हनुमान चालीसा, महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ। ग्रहण उपरांत स्नान करके शुद्ध भोजन करना चाहिए।


वैश्विक और राष्ट्रीय प्रभाव
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों के बीच तनाव और राजनीतिक अस्थिरता की संभावना।

  • प्राकृतिक आपदाएं, भूकंप, अग्निकांड और बड़े वाहन हादसों का डर।

  • शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और आर्थिक अस्थिरता के संकेत।

  • वहीं, रोजगार वृद्धि और व्यापारिक दृष्टि से सकारात्मक परिणाम संभव।

  • भारत की अर्थव्यवस्था पर ग्रहण का असर शुभ बताया गया है।


राशि अनुसार प्रभाव
  • मेष: सुखद लाभ

  • वृषभ: सुखप्रद

  • मिथुन: कष्टप्रद

  • कर्क: पीड़ादायक

  • सिंह: मानसिक चिंता

  • कन्या: विकासप्रद और शुभ

  • तुला: प्रवास व चिंता

  • वृश्चिक: कठिनाई व चिंता

  • धनु: धन लाभ

  • मकर: अपव्यय और हानि

  • कुंभ: हानिकारक प्रभाव

  • मीन: आर्थिक नुकसान

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