वेपन डील, डिफेंस साझेदारी और हाइपसोनिक मिसाइल-बॉम्बर
गेमचेंजर होगा इस बार पुतिन का भारत दौरा
भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। इस साल, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे, तो दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस-2K हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का समझौता हो सकता है।
नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। इस साल, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे, तो दोनों देशों के बीच ब्रह्मोस-2K हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का समझौता हो सकता है। ये मिसाइल इतनी तेज और खतरनाक होगी कि दुश्मन के लिए इसे रोकना लगभग नामुमकिन होगा।
साथ ही, रूस भारत को कई और घातक हथियार देने की पेशकश कर सकता है, जैसे Su-57 फाइटर जेट्स, Oreshnik मिसाइल, Tu-160M बॉम्बर, Poseidon टारपीडो और S-500 प्रोमेथियस सिस्टम. इनका भारत की सुरक्षा पर क्या असर होगा? क्यों ये गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।
ब्रह्मोस-2K: हाइपरसोनिक ताकत का नया आयाम
ब्रह्मोस-2K भारत और रूस की संयुक्त कोशिश से बन रही नई हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो मौजूदा ब्रह्मोस मिसाइल का एडवांस वर्जन होगी। ब्रह्मोस पहले से ही दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल है, लेकिन ब्रह्मोस-2K इससे कहीं आगे जाएगी।
• तकनीक: ये मिसाइल रूस की Zircon (3M22) मिसाइल से प्रेरित होगी, जो हाइपरसोनिक स्पीड (8 गुना ध्वनि की गति/ 9450 km/hr) तक पहुंच सकती है।
• इंजन: इसमें स्क्रैमजेट इंजन होगा, जो हवा से ऑक्सीजन लेकर जलता है। मिसाइल को लंबे समय तक तेज गति पर रखता है।
• रेंज: 1500 किमी तक मार कर सकता है, जो दुश्मन के गहरे ठिकानों को निशाना बनाने में मदद करेगा।
• खासियत: कम रडार सिग्नेचर और बेहतर मैन्युअवरबिलिटी इसे दुश्मन की एयर डिफेंस से बचाने में सक्षम बनाएगा।
अगर LAC या LOC पर चीन या पाकिस्तान ने हमला किया, तो ये मिसाइल चंद मिनटों में उनके ठिकानों को तबाह कर सकती है। ये भारत की नौसेना और वायु सेना को समुद्र और जमीन दोनों पर मजबूत करेगा।