बर्धमान से कनाडा पहुँची फाइबर दुर्गा मूर्ति
दुर्गा पूजा में अब लगभग एक महीने से कुठ ज्यादा का समय बचा है। रविवार को बर्धमान से विशेष रूप से निर्मित फाइबर की दुर्गा प्रतिमा कनाडा के ओंटारियो में पहुँची।
निज संवाददाता : दुर्गा पूजा में अब लगभग एक महीने से कुठ ज्यादा का समय बचा है। रविवार को बर्धमान से विशेष रूप से निर्मित फाइबर की दुर्गा प्रतिमा कनाडा के ओंटारियो में पहुँची। बर्धमान के कलाकार सिद्धार्थ पाल और तन्मय पाल ने लगातार कई दिनों की अथक मेहनत के बाद इस अनोखी प्रतिमा को गढ़ा है। लगभग ढाई किलो वज़न की, ४–६ मिलीमीटर मोटी फाइबर ग्लास से बनी इस प्रतिमा की ऊँचाई २० इंच और चौड़ाई ३० इंच है।
कलाकार सिद्धार्थ पाल ने बताया कि, नदिया जिले के शांतिपुर में उनके एक रिश्तेदार कनाडा में वस्त्र निर्यात करते हैं। उन्हीं के माध्यम से कनाडा के कुछ व्यवसायियों की पहल पर पहली बार यह प्रतिमा विदेश भेजी गई। इन्हीं के प्रयास से ओंटारियो में दुर्गापूजा का आयोजन होने जा रहा है। हालाँकि काम देर से हाथ में आया था, फिर भी केवल २०-२५ दिनों में प्रतिमा निर्माण पूरा कर लिया गया।
आमतौर पर इस प्रकार की प्रतिमा बनाने में डेढ़ महीने का समय लगता है। पहले मिट्टी की मूर्ति बनाकर उसका प्लास्टर ऑफ पेरिस का साँचा तैयार किया जाता है। फिर उस साँचे में फाइबर ग्लास डालकर प्रतिमा का निर्माण होता है। रविवार को प्रतिमा को सावधानीपूर्वक पैक कर कुरियर के माध्यम से कनाडा भेजा गया, जहाँ पहुँचने में लगभग १० दिन लगेंगे।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में दुर्गा प्रतिमा बनाने का अनुभव होने के बावजूद, विदेश में दुर्गा प्रतिमा भेजने का यह सिद्धार्थ बाबू का पहला अनुभव है। हालाँकि इससे पहले उन्होंने नॉर्वे में लक्ष्मी और सरस्वती की प्रतिमा तथा लगभग १५ वर्ष पहले अमेरिका में शिव की मूर्ति बनाकर भेजी थी। विदेश में बंगाल की आस्था और सांस्कृतिक बंधन को इस अनोखी पहल ने और मजबूत किया है।