अपने ही नागरिक को पाकिस्तान ने वापस लेने से किया इन्कार

कलकत्ता हाई कोर्ट ने मांगी राय

अपने ही नागरिक को पाकिस्तान ने वापस लेने से किया इन्कार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति के मामले में केंद्र सरकार से राय मांगी है, जिसे विदेशी नागरिक के तौर पर दोषी ठहराया गया है।

निज संवाददाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति के मामले में केंद्र सरकार से राय मांगी है, जिसे विदेशी नागरिक के तौर पर दोषी ठहराया गया है। यह व्यक्ति एक दशक से ज़्यादा समय से जेल में है। पाकिस्तान ने उसे अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। अदालत यह जानना चाहती है कि यूसुफ नाम के इस व्यक्ति को रिहा किया जाए या हिरासत में रखा जाए?  जस्टिस अमृता सिन्हा ने सरकार से इस बारे में स्पष्ट निर्देश देने को कहा है। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को करेगी।
दरअसल, पी यूसुफ नाम का एक व्यक्ति दमदम सेंट्रल जेल में बंद है। उसने अदालत से गुहार लगाई है कि उसे पाकिस्तान वापस भेजा जाए। अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार से पूछा है कि यूसुफ के साथ क्या किया जाए?  अदालत ने सरकार से यह भी बताने को कहा है कि क्या यूसुफ को रिहा किया जाना है या उसे हिरासत में ही रखना है?  यूसुफ के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को 2012 में बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में सीमा पार कर अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के बाद गिरफ्तार किया गया था और चार अप्रैल, 2013 को दोषी ठहराये जाने के बाद उसे 650 दिनों के कारावास की सजा सुनाई गई।
वकील ने बताया कि यूसुफ को सजा बहुत पहले पूरी कर लेने के बावजूद वापस नहीं भेजा गया और वह दमदम सेंट्रल जेल में बंद है। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने अदालत में सुधार सेवा निदेशालय के प्रभारी अधिकारी की एक रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान यूसुफ को अपना नागरिक नहीं मान रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि यूसुफ को दो बार ‘कांसुलर एक्सेस’ दिया गया और दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ले जाया गया।
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि दो सह-आरोपियों को पाकिस्तान ने अपना नागरिक स्वीकार कर लिया, जबकि यूसुफ को पड़ोसी देश ने अपना नागरिक स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच के सामने दावा किया कि वह एक भारतीय नागरिक है और उसने केरल में संपत्ति का विक्रय पत्र भी अटैच किए।
पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने अदालत में दलील दी कि केरल सरकार की एक रिपोर्ट में बताया गया कि यूसुफ ने कन्नूर के एक स्कूल में सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी और उसके बाद अपने पिता मीर मोहम्मद के साथ पाकिस्तान चला गया था। केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यूसुफ एक विदेशी नागरिक है। जस्टिस सिन्हा ने केंद्र के वकील से कहा कि यूसुफ के साथ क्या किया जाए, इस बारे में सरकार से निर्देश लें।

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