संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिये संस्कृत विद्यालयों का संचालन
प्रदेश में हिन्दी, अंग्रेजी और संस्कृत तीनों भाषाओं को समअंकीय रखा गया
भोपाल : प्रदेश में राज्य सरकार संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में संस्कृत भाषा के विकास, संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये महर्षि पतंजलि संस्थान का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत वर्ष 2008 से किया जा रहा है।
पतंजलि संस्कृत संस्थान के माध्यम से संस्कृत भाषा के विकास के लिये प्रदेश में 271 संस्कृत माध्यम से विद्यालय संचालित हो रहे है। इन विद्यालयों में पूर्व मध्यमा और उत्तर मध्यमा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के समकक्ष स्तर की परीक्षाएँ आयोजित की जा रही है। प्रदेश में राज्यस्तरीय शासकीय आवासीय संस्कृत कन्या विद्यालय भोपाल में संचालित है। इसके अलावा संस्थान द्वारा 4 आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय दतिया, सिरोंज, डिंडोरी एवं रतलाम में संचालित किये जा रहे है। सामान्य विद्यालयों में नई शिक्षा नीति में त्रिभाषा फॉर्मुले के तहत कक्षा 10वीं तक संस्कृत भाषा की उपयोगिता को ध्यान में रखा गया है। वर्तमान में हिन्दी, अंग्रेजी एवं संस्कृत तीनों भाषाओं को समअंकीय रखा गया है। अर्थात उनके लिये परीक्षा पूर्णांक अंक सामान्य रूप से निर्धारित है।
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