मध्य प्रदेश में डायल 112 की 39 चाबियां गुम
78000 खर्च करके दूसरी बनवाईं तो पुरानी भी मिलीं
भोपाल पुलिस के साथ हो गया खेल
एमपी पुलिस को एक अलग ही मुश्किल का सामना करना पड़ गया। दरअसल, हाल ही में सीएम मोहन यादव ने प्रदेश के लिए डायल 112 सेवा शुरु की थी। हरी झंडी दिखाने के बाद गाड़ियां पुलिस आयुक्त कार्यालय में खड़ी थी, जहां 39 गाड़ियों की चाबी खो गई।
भोपाल: एमपी पुलिस में डायल-112 सेवा के लिए आई 39 नई गाड़ियों की चाबियां गुम हो गईं। इसके लिए आनन-फानन में डुप्लीकेट चाबियां बनवाने में 78 हजार रुपये खर्च हुए। बड़ी बात यह है कि बाद में असली चाबियां भी मिल गईं। यह सब भोपाल पुलिस आयुक्त कार्यालय में हुआ। 14 अगस्त को मुख्यमंत्री ने इन गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई थी।
14 अगस्त को सीएम ने दिखाई थी हरी झंडी
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले, 14 अगस्त को, मुख्यमंत्री ने डायल-112 सेवा शुरू की। 63 नई एफआरवी (फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल) को रवाना किया गया। इन गाड़ियों को 31 अगस्त से सड़क पर उतरना था। 14 अगस्त को फ्लैग ऑफ के बाद 63 गाड़ियां पुलिस आयुक्त कार्यालय में खड़ी की गईं।
पायलट टेस्ट के दौरान लगी जानकारी
पहले इनका पायलट टेस्ट होना था। पायलट टेस्ट का मतलब है, असली काम शुरू करने से पहले जांच करना। जब टेस्ट की बारी आई, तो पता चला कि 39 गाड़ियों की चाबियां गायब हैं। ड्राइवरों और अधिकारियों ने चाबियों को खोजने की कोशिश की। जब चाबियां नहीं मिलीं, तो बड़े अधिकारियों को बताया गया। उन्होंने डुप्लीकेट चाबियां बनवाने का आदेश दिया। पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग दुकानों से 39 गाड़ियों के लिए नई चाबियां बनवाईं। हर चाबी पर दो हजार रुपये का खर्च आया। इस तरह 78 हजार रुपये खर्च हो गए।
नई चाबियां बनते ही मिलीं गुम हुई चाबी
जब नई चाबियां बन गईं, तो गुम हुई असली चाबियां भी मिल गईं। इस मामले पर अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा, उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। वहीं, एक जूनियर अधिकारी ने कहा कि 'चाबियों की अदला बदली हो गई थी जो अब मिल गई हैं।