अमेरिका में 100 साल में सबसे ज्यादा टैरिफ
हर अमेरिकी को सालाना 2 लाख का नुकसान , दुनिया पर मंदी का बढ़ाखतरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार विदेशी सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया|
वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार विदेशी सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया| इसका सीधा असर अमेरिका के शेयर बाजार पर पड़ा| लोगों को डर लगने लगा कि इससे सामान महंगे हो जाएंगे, कारोबार पर असर पड़ेगा| इस डर की वजह से निवेशकों ने अपने शेयर तेजी से बेचने शुरू कर दिए| नतीजा ये हुआ कि अमेरिकी शेयर मार्केट अचानक गिर गया| डाउ जोंस, एस एंड पी और नैस्डैक जैसे मार्केट इंडेक्स में 2 दिन में 10% से ज्यादा की गिरावट आई| अमेरिकी बाजार में ऐसी गिरावट कोरोना के दौरे में मार्च 2020 में देखी गई थी| बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों के शेयर भी टूट गए थे| ट्रेडिंग करने वाले लोगों और कंपनियों में घबराहट फैल गई थी| बाजार की हालत बिगड़ती देख ट्रम्प सरकार ने टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया|
अब ट्रम्प ने एक बार फिर से 9 अगस्त से दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है| ऐसा माना जा रहा है कि इससे एक बार फिर से अमेरिकी मार्केट को नुकसान हो सकता है| इससे दुनियाभर में मंदी आने का खतरा भी बढ़ गया है| अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के बजट लैब के अनुमान के मुताबिक अमेरिका में औसत टैरिफ रेट 18.3% हो चुका है| यह 100 साल में सबसे ज्यादा है| इससे पहले 1909 में अमेरिका में औसत टैरिफ रेट 21% था| ज्यादा टैरिफ होने से अमेरिकी परिवारों को इस साल औसतन 2400 डॉलर (2 लाख रुपए) का एक्स्ट्रा खर्च उठाना पड़ेगा| पहले वे जो विदेशी सामान 100 डॉलर में खरीद रहे थे, अब उन्हें 118.3 डॉलर देना होगा| कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री वेंडोंग झांग का कहना है कि आने वाले समय में अमेरिका में उन चीजों की कीमतें और अधिक बढ़ेंगी जिनमें स्टील और एल्युमीनियम का इस्तेमाल होता है, जैसे रेफ्रिजरेटर या वॉशिंग मशीन|