फ़र्ज़ी मतदाताओं पर लगाम लगाने को एपिक कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव
नए निर्देश जारी ,1 सितंबर से लागू होगा नया नियम
इस बार मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय उस नियम में बदलाव कर रहा है। अब से सरस्वती प्रेस में छपने के बाद, एपिक कार्ड डाक विभाग के ज़रिए सीधे मतदाता के घर पहुँचेगा। यह नियम 1 सितंबर से लागू हो रहा है।
कोलकाता: कुछ विधानसभा क्षेत्रों में फ़र्ज़ी मतदाताओं की मौजूदगी! अब घर-घर वोटर कार्ड भेजने का नियम! राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने नियम बदल दिया है। अब से डाक विभाग के केंद्रीय कार्यालय यानी जीपीओ से एपिक कार्ड स्पीड पोस्ट के ज़रिए सीधे मतदाता के घर पहुँचेगा। अब एपिक कार्ड ज़िलों में नहीं भेजे जाएँगे। नियम के अनुसार, मतदाता सूची में नाम आते ही, निर्वाचक पंजीयन अधिकारी उसे एपिक कार्ड बनवाने के लिए ज़िला निर्वाचन अधिकारी के पास भेजता है। वहाँ से यह छपाई के लिए सरस्वती प्रेस जाता है। सरस्वती प्रेस उस कार्ड को प्रिंट करके सीधे ज़िला चुनाव अधिकारी को भेजता है। यहाँ से यह निर्वाचक पंजीयन अधिकारी ( ईआरओ) के पास जाता है। फिर ERO इसे स्पीड पोस्ट के ज़रिए मतदाता के घर पहुँचाता है। अब मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय इस नियम में बदलाव कर रहा है। अब से सरस्वती प्रेस में छपने के बाद, EPIC कार्ड डाक विभाग के ज़रिए सीधे मतदाता के घर पहुँचेगा। यह नियम 1 सितंबर से लागू होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय ने आदेश दिया है कि सरस्वती प्रेस में पहले से छपे एपिक कार्ड भी डाक विभाग के ज़रिए सीधे मतदाता के घर पहुँचाए जाएँ। और पढ़ें: वे भारत पर दबाव बनाने वाले थे...अब उन्हें जवाब मिल गया! सबके सामने ट्रंप का चेहरा काला पड़ गया...उन्होंने कहा बहरहाल, सरस्वती प्रेस में लगभग डेढ़ लाख वोटर कार्ड छपे हुए अवस्था में पड़े हैं। आयोग के सूत्रों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय ने आदेश दिया है कि उन वोटर कार्डों को डाक विभाग के ज़रिए सीधे मतदाता के घर भेजा जाए।