डाटा सुरक्षा नीति का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई
2 आआरओ और दो एईआरओ स्सपेंड
डाटा सुरक्षा नीति का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है।
निज संवाददाता : डाटा सुरक्षा नीति का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने ईआर डाटाबेस के लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने पर पश्चिम बंगाल के बरुईपुर पूर्व और मोयना विधानसभा क्षेत्र के 2 ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) और 2 एईआरओ (सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) को निलंबित कर दिया है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि इनके और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ आपराधिक कदाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज की जाएगी। आयोग ने दोनों अधिकारियों को गंभीर चूक करने, अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहने और अनाधिकृत लोगों के साथ ईआर डाटाबेस के अपने लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करने का दोषी माना है।
चुनाव आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मतदाता सूची की तैयारी और पुनरीक्षण का काम करता है। इसके साथ ही वोटर लिस्ट की तैयारी, पुनरीक्षण, संशोधन और चुनाव संचालन के समय इन अधिकारियों को चुनाव आयोग के अधीन माना जाता है।
सचिव ने पत्र में आगे कहा कि कि पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बीते 29 जुलाई को एक वीडियो भेजा था. जिसमें विधानसभा संख्या 137 बारुईपुर पुरबा के ईआरओ और एईआरओ के वोटर लिस्ट में गलत प्रविष्टियां करने की जानकारी दी गई है। साथ ही अधिकारी आवेदन निपटाने के अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहे। इसके अलावा उन्होंने ईआर डेटाबेस के अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स अनधिकृत लोगों के साथ साझा किए।
चुनाव आयोग ने कहा कि बारुईपुर पुरबा के ईआरओ देबोताम दत्ता चौधुरी, एईआरओ तथागत मोंडल, ईआरओ मोयला बिप्लब सरकार और एईआरओ मोयना सुदीप्त दास को निलंबित किया जाता है। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि ईआरओ – एईआरओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हाल्दर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जाए।